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________________ 298 6. धर्मोत्तरप्रदीपस्य विशेषनामसूची। 219, 221 62 दुर्वेक तीथिकशास्त्रप्रणेता 227 बार्हस्पत्य त्रिलोचन 173 बौद्ध दिगम्बर 191 भगवान् दिग्नाग 222 भट्टवराहस्वामी 86, 149, 257 भट्टार्चटनिबन्धन धर्मकीर्ति 1, 4, 54, 257 भदन्त धर्मपाल 35 भागवृत्तिकार धर्मोत्तर 1, 4, 5, 6, 18, 20, 26, भाष्यकारीय 33, 44, 45, 50, 58, 60, मनु 67, 70, 74, 75, 90, 97, . महाभाष्य 118, 119, 121, 124, मीमांसक 125, 129, 132, 138, याज्ञवल्क्य 141, 142, 145, 155, योगाचारनय 205, 208, 212, 257 योगाचारमत 75, 90 30, 42 12 98 247 34 35, 41, 56, 57, 160 247 44. .. 42, 44 धर्मोत्तरप्रदीप 86, 149, 257 रुचिटीका 175 नैयायिक 35, 222, 255, 256 लोकायतिक न्यायबिन्दु - 257 वर्धमान 247 न्यायबिन्दुटीका 1 वादन्याय 108, 156, 172 न्यायभाष्यटीका 173, 175 वात्तिक 5, 173, 175, 210 . न्यायवादिन् 78, 223 वार्तिककार _ 57, 79, 91, 95, न्यायसूत्र 173, 247 166, 180, 189, 213, पाणिनि / 217, 218, 223, 254, 255 पारसीकशास्त्र 15 वार्तिककृत् 12, 144, 255 पार्श्वनाथ 246 वार्तिकसूत्रिक . पिठर 232 विज्ञानवाद 44 पीलुक 229 विनय पूर्व 32, 33, 42, 44, 47, 62, 110 विनिश्चय 44, 67, 68, 91, 97, 98 पूर्वक 44 विनिश्चयटीका 3, 33, 41, 70, 72, 73 पूर्वव्याख्यात 52 विनीतदेव . 5, 31, 34 पूर्वव्याख्यान 44, 187 विशेषाख्यान 83, 205 पूर्वयोग 35 विश्वरूप 175, 247 पैठर 232 वैभाषिक 229 वैयाकरण प्रकीर्णवृत्ति 35 वैशेषिक 32, 56, 240 प्रमाणवार्तिक 12, 35, 68, 124 शङ्कराचार्य 172 प्रामाण्यपरीक्षा 24 शान्तभद्र 5, 31, 32, 61, 138, 202 पैलुक
SR No.004317
Book TitleDharmottar Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherKashiprasad Jayswal Anushilan Samstha
Publication Year1956
Total Pages380
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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