________________ 361 ] भाचार्यश्रीहेमचन्द्रविरचिते [ धा० 43 '43 धनरु धान्ये ' / दधन्ति / ("भृमृ०" उ० 716 सूत्रे दर्शितः) // '44 रिप कुत्सायाम् ' / रेपति // '45 कप कम्पने' / कम्पति / ( "कटिपटि०” उ० 493 सूत्रे दर्शितः) // '46 क्षुप हासे' / क्षोपति // '47 टुप संरम्भे' / टोपति // '48 विम्ब दीप्तौ' / बिम्बति // '49 रिभि 50 स्तुम्भू 51 स्कम्भू स्तम्भे / विरेभते, स्तुम्नाति, स्तुभ्नोति, विष्कम्नाति, विस्कम्नोति // '52 स्कुम्भू विसारणे च' / विष्कम्नाति, विस्कम्नोति / ( "स्तम्भू०" 3 / 4 / 78 सूत्रे दर्शित:) // '53 दम वञ्चने / दमति // '54 डिम हिंसायाम् ' / डेमति / ("डिमेः कित्" उ० 356 सत्रे दर्शितः)। '55 धम शब्दे' / धमति / ( "सदिवृति०" उ० 680 सूत्रे दर्शितः) // '56 पीय पाने' / पीयति / ("खलिफलि." उ० 560 सूत्र दर्शितः) // '57 उर गतौ'। ओरति / (" उरेरशक्' उ० 531 सूत्रे दर्शितः) / '58 तुर त्वरणे' / तोरति // '59 तन्द्रि सादमोहयोः / तन्द्रते / ( "तृस्तृ०” उ० 711 सूत्रे दर्शितः) / '60 चुल परिवेष्टने' // '61 उल दाहे' / ( "उले." उ० 828 सूत्रे दर्शितः) // '62 लुल कम्पने ' / लुल्यते / ( "कुलिलुलि०" उ० 372 सूत्रे दर्शितः) // '63 सल्ल गतौ' / ("दृकृ." उ० 27 सने दर्शितः) // '64 हल्ल घूर्णने' // '65 भिलण भेदे'। मेलयति / ("विलिमिलि०" उ० 340 सुत्रे दर्शितः // '66 धन्व 67 तव गतौ'। धन्वति / तवति / ( "उक्षितक्षि०" उ० 900 सूत्रे " तवे " उ० 550 सूत्रे च दर्शितौ) //