________________ 42 ] धातुपारायणे द्वितीयं परिशिष्टम् '21 मा सौन्दर्य च'। चकारात् शब्दे, मअति / ("ऋच्छिचटि." उ० 397 सूत्रे दर्शितः) // '22 पक्ष रोधे / पाति / ("ऋच्छिचटि०" उ० 397 सूत्रे दर्शितः) / ' 23 का शब्दे'। काति / ("अग्यङि०" उ० 405 सूत्रे दर्शितः) // 24 रण्ट प्राणहरणे' / रण्टति / ("कोरुरुण्टिरण्टिभ्यः" उ० 28 सूत्रे दर्शितः)॥ '25 घटु शब्दे ' / घण्टति // '26 मट हासे' / मटति / ("कृपकटि०" उ० 589 सूत्रे दर्शितः) // * 27 कुठ छेदने' / कोठति / ("तुषिकुठिभ्यां कित्" उ० 407 सूत्रे दर्शितः) / '28 क्रुड शब्दे' / क्रोडति // '29 उड संघाते' / ओडति / ("उडेरुपक्" उ० 311 सूत्रे दर्शितः) / '30 वड आग्रहणे' / वडति ("कश." उ० 329 सूत्रे दर्शितः) // '31 णडण् भ्रंशे' / नडति / ('नडेणि" उ० 712 सूत्रे दर्शित:) // 32 किणत् शब्दगत्योः' / किणति / ("निघृषी०" उ० 511 सूत्रे दर्शितः)॥ '33 कुत गुम्फप्रीत्योः' / कोतति / ("भुजिकुति०" उ० 305 सूत्रे दर्शितः) / '34 पुत गतौ' / पोतति / ("कुतिपुति." उ० 76 सूत्रे दर्शितः) // '35 लत आदाने' / लतति / ("कुतिपुति०" उ० 76 सूत्रे दर्शितः) / '36 सात सुखे' / सातति / ("साहिसाति०" 5 / 1 / 59 सूत्रे दर्शितः) / / '37 कथ वाक्यप्रबन्धे' // '38 उद आघाते'। ओदति / ("कुटिकुलि०" उ०१२३ सूत्रे दर्शितः)॥ '39 क्षद हिंसासंवरणयोः ' / क्षदति / (“हुयामा०" उ० 451 सूत्रे दर्शितः)॥ '40 सुन्द हिंसासौन्दर्ययोः' / सुन्दति / ("ऋच्छिचटि०" उ० 397 स्त्रे दर्शितः) // ____ 41 कदि वैक्लव्यछेदनयोः' / कदते / ("कदेर्णिद् वा" उ० 322 सूत्रे दर्शितः) // - '42 मिग् मेधाहिंसासंगमेषु' / मेधति, मेधते //