________________ स्वरान्ता: पुल्लिङ्गाः धातोरीदूतोरियुवौ भवतो विभक्तिस्वरे परे। पुन: स्वरग्रहणं किमर्थम् / अघुट्स्वरनिवृत्त्यर्थम् / यवक्रियौ। यवक्रियः। सम्बोधनेऽपि तद्वत् / यवक्रियम्। यवक्रियौ। यवक्रियः। यवक्रिया। यवक्रीभ्याम् / यवक्रीभिः / इत्यादि / एवं सुश्रीनीप्रभृतयः / सेनानीशब्दस्य तु भेद: / सौ-सेनानीः / स्वरादावीदूतोरिति प्राप्ते। अनेकाक्षरयोस्त्वसंयोगाद् य्वौ // 190 // ___ अनेकाक्षरयोर्लिङ्गयोत्संयोगात्परयोरीदूतायौं भवतो विभक्तिस्वरे परे। सेनान्यौ। सेनान्यः / सम्बोधनेऽपि तद्वत् / सेनान्यम् / सेनान्यौ। सेनान्यः। सेनान्या। सेनानीभ्याम् / सेनानीभिः / सेनान्ये / सेनानीभ्याम्। सेनानीभ्यः। सेनानीभ्याम्। सेनानीभ्यः। सेनान्यः। सेनान्योः। सेनान्याम् / / अनेकाक्षरयोरिति किं / नियौ / नियः / लुवी। लुवः / असंयोगादिति किं / यवक्रियौ / कवघुवौ / ङौ। नियो डिराम्॥१९१ // नियः परो डिराम् भवति। सेनान्याम्। सैनान्योः। सेनानीषु। एवमग्रणीग्रामणीप्रभृतयः / सुधीशब्दस्य तु भेदः / सौ-सुधीः / स्वरादावनेकाक्षरयोरिति यत्वे प्राप्ते / ईदूतोरियुवौ स्वरे इति वर्तते / यहाँ सूत्र में स्वर शब्द को पुन: क्यों ग्रहण किया है ? अघुट् स्वर की निवृत्ति के लिए पुन: स्वर का ग्रहण किया है क्योंकि घुट् अघुट दोनों ही विभक्तियों के स्वरों में यह सूत्र लागू होता है। __यवक्री+औ-यवक् इय्+औ= यवक्रियौ / यवक्रिय: बना / संबोधन में भी इसी प्रकार से है। यवक्रीः यवक्रियौ यवक्रियः / यवक्रिये यवक्रीभ्याम् यवक्रीभ्यः हे यवक्रीः ! हे यवक्रियौ ! हे यवक्रियः | यवक्रियः यवक्रीभ्याम् यवक्रीभ्यः यवक्रियम् यवक्रियौ यवक्रियः / यवक्रियः यवक्रियोः यवक्रियाम् यवक्रिया यवक्रीभ्याम् यवक्रीभिः | यवक्रियि यवक्रियोः यवक्रीषु इसी प्रकार से सुश्री और नी शब्द के रूप चलेंगे। सेनानी शब्द में कुछ भेद हैसेनानी + सि = सेनानी: सेनानी+औ यहाँ पूर्व सूत्र से ई, ऊ को इय् उव् प्राप्त था किंतु उसे बाधित कर आगे का सूत्र लगता है यदि अनेक अक्षर वाले ईकारांत, ऊकारांत शब्द हैं और संयुक्ताक्षर वाले नहीं हैं तब ई, ऊ को य् व् आदेश होता है स्वर वाली विभक्ति के आने पर // 190 // सेनान् ई+औसेनान्य+औ सेनान्यौ बना। संबोधन में भी इसी प्रकार है। अनेक अक्षर वाले हों ऐसा क्यों कहा ? तो नी+औ में नियौ, ल+औ= लुवौ बनेगा। संयुक्ताक्षर न हो ऐसा क्यों कहा ? यवक्री में संयुक्त अक्षर है अत: यवक्रियौ बनेगा। कटपू+औ= कटप्रुवौ बनेगा। सेनानी+डि नी से परे डि को आम आदेश हो जाता है // 191 // सेनानी + आम् = सेनान्याम् बना।