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________________ परिशिष्ट 369 स धावति शीयते सीदति एति अधीते वदति व्रजति क्र स गतौ शद्लु शातने षद्ल विशरणमत्यवसादनेषु इण् गतौ इक् स्मरणे इङ् अध्ययने वद व्यक्तायां वाचि धज ध्वज वज व्रज गतौ वर ईप्सायां चर गतिभक्षणयोः फल निष्पत्तौ शल श्वल्ल आशुगतौ रद विलेखने गद् व्यक्तायां वाचि अट पट इट किट कट गतौ वेञ् तंतुसंताने अव रक्ष पालने तथू त्वष तनुकरणे मुष स्तेये कुष निष्कर्षे . . खगे हसने. रगे शंकायां कगे बोचिते वह परिकल्पने रह त्यागे टुवमुद्गिरणे क्रमु पादविक्षेपे चमु छमु जमु जिमु झमु अदने व्यय क्षये (गतौ-पाणिनी) अयवयमय पय तय चयरयणय गतौ कण निमीलने रमु क्रीडायां / णमु प्रह्वत्वे शब्दे च परस्मैपदी आत्मनेपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी आत्मनेपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपदी परस्मैपर्दा आत्मनेपदा परस्मैपदी आत्मनेपदी आत्मनेपदी चरति फलति शलति रदति गदति अटति वयति अवति, रक्षति तक्षति, त्वक्षति मुष्णाति कुषति खगति . रगति कगति - वहति रहति वमति क्रमति चमति, जिमति व्ययति अयते कणति रमते नमति
SR No.004310
Book TitleKatantra Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmati Mataji
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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