SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 275
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 240 कातन्त्ररूपमाला वा स्वरे // 20 // गिरतेरश्रुतेर्लश्रुतिर्भवति वा स्वरे परे। गिलति गिलत: गिलन्ति / इरुरोरीरूरौ / कीर्यते गीर्यते इत्यादि। तुदादिः समाप्त:। अथ रुधादिगणः रुधिर् आवरणे। स्वराद्रुधादेः परो नशब्दः / / 201 // रुधादेर्गणस्य स्वरात्परो विकरणसंज्ञको नकारागमी भवति कर्तरि विहिते सार्वधातुके परे / णत्वं घढधभेभ्यस्तथोोध: / धुटां तृतीयश्चतुर्थेषु / रुणद्धि / . रुधादेर्विकरणान्तस्य लोपः // 202 // रुधादेविकरणान्तस्य लोपो भवति अगुणे सार्वधातुके परे / रुन्द्धः रुन्धन्ति / रुन्द्धे, रुन्द्धाते, रुन्द्धते / रुन्त्से / रुन्धाथे रुन्ध्वे / रुन्धे रुन्ध्वहे रुन्धमहे / भुज पालनाभ्यवहारयोः। ___ अशनार्थे भुजा // 203 // . स्वर के आने पर गिर को विकल्प से गिल् हो जाता है // 200 // गिलति गिलत: गिलन्ति / भावकर्म में किर् य ते गिर् य ते है ‘इरुरोरीरूरौ' ११२वें सूत्र से इर् को ईर् होकर कीर्यते गीर्यते बना इत्यादि / इस प्रकार से तुदादि गण समाप्त हुआ। अथ रुधादि गण प्रारंभ होता है। रुधिर् धातु आवरण-रोकने अर्थ में है / रुध् शेष रहता है। कर्ता में कहे गये सार्वधातुक के आने पर रुधादि गण में स्वर से परे विकरण संज्ञक 'नकार' का आगम होता है // 201 // रु न ध् ति 'नो णमनन्त्यः ' इत्यादि सूत्र से 'न' को 'ण' हो गया। 'घढधभेभ्यस्तथोोध:' सूत्र 143 से 'ति' को 'धि' हो गया ‘रुण ध् धि' रहा 'धुटां तृतीयश्चतुर्थेषु' सूत्र 120 से प्रथम ध् को द् होकर ‘रुणद्धि' बन गया। अगुण सार्वधातुक के आने पर रुधादि गण में विकरण के अन्त न के अकार का लोप हो जाता है // 202 // अत: 'रुन्ध्दः' बना रुन्ध् अन्ति = रुन्धन्ति बना। रुणत्सि रुन्ध्द: रुन्ध्द, रुणध्मि रुन्ध्व: रुन्ध्मः / रुन्ध्दे रुन्धाते रुन्धन्ते, रुन्त्से रुन्धाथे रुन्ध्वे / भुज् धातु पालन और भोजन अर्थ में है। अशन अर्थ में भुज् धातु आत्मने पद ही होती है और पालन अर्थ में परस्मैपदी होती है। अशन अर्थ में भुज् धातु रुधादि हो जाती है // 203 // .
SR No.004310
Book TitleKatantra Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmati Mataji
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy