________________ सूची तु सेक्नी नार्या सूचिसूत्रं नपुंसकम् / / / अस्त्री पिप्पलकं तर्क ना क्लीबे पिंजनादिकम् // 279 // स्त्रियां स्यूतिर्नरे तन्त्रवायः कुविन्दयामलम् / वाणियूँतिः स्त्रियां वानदण्डो पुल्लिंगवाचकः // 280 // वेमा सूत्राणि पुंक्लीबे पुंसि तन्तु-त्रयं पुनः / पादुकाकृद्-युगं पुंस्युपानच्चतुष्टयं स्त्रियाम् // 281 // स्त्री नद्धी पुस्त्रियादधी वरत्रा-त्रितयं स्त्रियाम् / कुलालप्रमुखाः पुंसि पिण्याकश्च खलोऽस्त्रियाम् // 282 // पुंल्लिगे रथकृन्मुख्याः स्त्रीलिंगे वृक्षभित्-त्रिकम् / पुक्लीबे क्रकचं वाच्यमुघन-त्रितयं नरि // 283 // टङ्कः कूटं नरक्लीबे व्योकारप्रमुखा नरि / * स्त्रीलिंगे च त्रयो वाच्या ईषींका-तूलिकेषिका // 284 // भक्ष्यकारः कान्दविकस्त्रिषु कन्दस्तु पुस्त्रियोः / / रंगाजीव-त्रिकं पुंसि तूलिका कूचिका स्त्रियाम् // 285 // क्लीबके चित्रमालेख्य पलगंड-द्वयं नरि / / पुस्तं पुंक्लीबलिंगेऽपि पुंसि च नापितादयः // 286 // मुंडन-प्रमुखाः क्लीबे देवाजीवादयो नरे / माया-द्वयं स्त्रियां क्लीवमिन्द्रजालादिकं पुनः // 287 // स्त्रियां कुमृतिराख्याता क्लीबे कौतूहलादिकम् / व्याधो मृगवधाजीवी लुब्धको मृगयुर्नरि // 288 // मृगया स्त्री मृगव्या चाच्छोदनं स्त्रीनपुंसके / जालिकस्तु वागुरिको नरे स्वाद वागुरा स्त्रियाम् // 289 // शुम्बं स्त्रीक्लीबलिंगे च स्त्री रज्जुर्ना वटारकः / शुल्ब क्लीबे स्त्रियां तंत्रो वटी त्रिषु गुणः पुमान् // 290 // पुंसि दारा-द्विकं जाल-वडिशे स्त्रीनपुंसके / आनायो ना कुवेणी स्त्री जीवान्तकादयो नरि // 291 // स्त्रियां सूनाऽथ वीतंसः पाशः पंजरताडने / पुंक्लीबे कूटयंत्रं हि क्लीबे शेषा नरे स्मृताः // 292 // उक्ताः शेषाश्च ये शब्दास्ते प्रत्ययादिभेदतः / / लिंगांतरेण जायन्ते केचिदूह्याः स्वयं बुधैः // 293 //