________________ 488 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन 24 / 15 जल्लियं यह 'जल्ल' के स्थान पर आर्ष-प्रयोग है / (517) 25 / 16 वेयसां 'वयाण' के स्थान पर यह मागधी प्रयोग है। 26 // 36,40 देसियं यहाँ देवसिय शब्द के वकार का लोप होने पर 'देसिय' शब्द निष्पन्न हुआ है। २६।सू० 33 अकरणयाए यह अकरणेन के अर्थ में आर्ष-प्रयोग है / (587) २६॥सू० 46 अज्जवयाए यह आर्जवेन के अर्थ में आर्ष-प्रयोग है / (560) 30128 सयणासणसेवणया यह सयणासनसेवन के स्थान पर पार्ष-प्रयोग है। 30 // 31 जे यह यत् के स्थान में आर्ष-प्रयोग है / (609) 30 // 32 आसणदायणं यह आसनदान के अर्थ में आर्ष-प्रयोग है / (606) 32 // 26 अतालिसे यह मागधदेशीय शब्द है / (631) 321102 वइस्से यह द्वेष्य के अर्थ में आर्ष-प्रयोग है / (635) 36 / 171 खहयरा यह खचर के अर्थ में सौत्रिक प्रयोग है / (666) 36 / 180 सणप्पया यह सनरवा के अर्थ में सौत्रिक प्रयोग है / (666) 36 / 204 वाणमन्तर यह व्यन्तर के अर्थ में आर्ष-प्रयोग है / (701) .