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________________ . खण्ड 2, प्रकरणे : 4 व्यक्ति परिचय श्रेणिक के अनेक पुत्र थे। अनुत्तरोपपातिक' तथा निरयावलिका में उनके नाम इस प्रकार हैं (1) जाली' (10) अभयकुमार (16) महादुमसेन (28) सुकृष्णकुमार (2) मयाली (11) दीर्घसेन (20) सीह (26) महाकृष्णकुमार (3) उवयाली (12) महासेन (21) सीहसेन (30) वीरकृष्णकुमार (4) पुरिससेण (13) लष्टदंत (22) महासीहसेन (31) रायकृष्णकुमार : (5) वारिसेण (14) मूढ़दन्त (23) पूर्णसेन (32) सेणकृष्णकुमार (6) दीर्घदंत (15) सुद्धदन्त (24) कालीकुमार (33) महासेणकृष्णकुमार (7) लष्टदंत (16) हल्ल (25) सुकालकुमार (34) कूणिक (8) वेहल्ल' (17) दुम (26) महाकालकुमार (35) नंदिसेन" (9) वेहायस (18) दुमसेन (27) महाकृष्ण कुमार ज्ञाताधर्मकथा में श्रेणिक की पत्नी धारिणी से उत्पन्न मेघकुमार का उल्लेख है। इनमें से अधिकांश पुत्र राजा श्रेणिक के जीवन-काल में ही जिन-शासन में प्रवजित हो भगवान् महावीर के जीवन-काल में ही स्वर्गवासी हो गए। जाली आदि प्रथम पाँच कुमारों ने सोलह-सोलह वर्ष तक, तीन ने बारह-बारह वर्ष १-अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रथम वर्ग तथा द्वितीय वर्ग / २-निरयावलिका, 1 / ३-जाली आदि प्रथम सात पुत्र तथा दीर्घसेन से पुण्यसेन तक के तेरह पुत्र (कुल .. 20 पुत्र) धारिणी से उत्पन्न हुए थे (देखिए-अनुत्तरोपपातिक दशा, वर्ग ४-वेहल्ल और बेहायस-ये दोनों चेल्लणा के पुत्र थे। ५-अभयकुमार वेगातट (आधुनिक कृष्णा नदी के तट पर) के व्यापारी की पुत्री नन्दा का पुत्र था (अनुत्तरोपपातिक दशा, वग 1) / बौद्ध-ग्रन्थों में अभय को उज्जैनी की नर्तकी 'पद्मावती' का पुत्र बताया है (डिक्शनरी ऑफ पाली प्रॉपर नेम्स, भाग 1, पृ. 123) / कुछ विद्वान् इसे नर्तकी आम्रपाली का पुत्र बताते हैं (डॉ० ला : ट्राइस इन एन्शिएण्ट इण्डिया, पृ० 328) / ६-कूणिक चेल्लणा का पुत्र था। इसका दूसरा नाम अशोकचन्द्र था। देखिए___ आवश्यक चूर्णि, उत्तरभाग, पत्र 167 / ७-त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र, पर्व 10, सग 6, श्लोक 320 / ८-ज्ञाताधर्मकथा, प्रथम भाग, पत्र 19 /
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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