________________ 383 खड 2, प्रकरण : 3 भौगोलिक परिचय (5) भरतसिंह उपाध्याय के अनुसार द्वारका सौराष्ट्र जनपद का एक नगर था। वर्तमान द्वारिका कस्बे से आगे 20 मील की दूरी पर कच्छ की खाड़ी में एक छोटा-सा टापू है, उसमें एक दूसरी द्वारका बसी हुई है, जिसे 'बेट द्वारिका' कहते हैं / अनुश्रुति है कि यहाँ भगवान कृष्ण सैर करने आया करते थे। द्वारिका और बेट द्वारिका -दोनों नगरों में राधा, रुक्मिणी, सत्यभामा आदि के मन्दिर पाए जाते हैं। (6) कई विद्वानों ने इसकी अवस्थिति पंजाब में मानने की संभावना की है। (7) डॉ० अनन्त सदाशिव अल्तेकर ने द्वारका की अवस्थिति का निर्णय संशयास्पद माना है। उनका कहना है कि प्राचीन द्वारका समुद्र में डूब गई। (8) आधुनिक द्वारकापुरी प्राचीन द्वारका नहीं है। प्राचीन द्वारका गिरनार पर्वत की तलहटी में जूनागढ़ के आसपास बसी होनी चाहिए। (9) पुराणों के अनुसार यह भी माना जाता है कि महाराज रैवत ने समुद्र के बीच में कुशस्थली नगरी बसायी। यह आनर्त जनपद में थी। वही भगवान कृष्ण के समय में 'द्वारका' या 'द्वारवती' नाम से प्रसिद्ध हुई।५।। (10) जैन-साहित्य में उल्लेख है कि जरासन्ध के भय से भयभीत हो हरिवंश में उत्पन्न दशाह वर्ग मथुरा को छोड़ कर सौराष्ट्र में गए। वहाँ उन्होंने द्वारवती नगरी बसाई।६ महाभारत में इसी प्रसंग में कहा गया है कि जरासन्ध के भय से यादवों ने पश्चिम दिशा की शरण ली और रैवतक पर्वत से सुशोभित रमणीय कुशस्थली ( द्वारवती) नगर में जा बसे। कुशस्थली दुर्ग की मरम्मत कराई। . (11) जैन-आगम में साढ़े पचीस आर्य-देशों में द्वारका को सौराष्ट्र जनपद की राजधानी ___के रूप में उल्लिखित किया गया है। यह नगर नौ योजन चौड़ा और बारह १-बौद्धकालीन भारतीय भूगोल, पृ० 487 / २-बॉम्बे गेजेटीअर, भाग 1, पार्ट 1, पृ० 11 का टिप्पण 1 / ३-इण्डियन एन्टिक्वेरी, सन् 1925, सप्लिमेण्ट, पृ० 25 / ४-पुरातत्त्व, पुस्तक 4, पृ० 108 / ५-वायुपुराण, 6 // 27 // ६-दशवकालिक, हारिभद्रीय टीका, पत्र 36 / ७-महाभारत, समापर्व, 14 // 49-51,67 / ८-बृहत्कल्प, भाग 3, पृ० 912,914 /