________________ 382 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन सम्राट् खारवेल का राज्याभिषेक ई० पू० 166 के लगभग हुआ। राज्यकाल के ग्यारहवें वर्ष में उसने दक्षिण देश को विजित किया और पियुंड (पृथुदकदर्भपुरी) का ध्वंस . किया।' यह 'पिधुंड' नगर 'पिहुंड' होना चाहिए / सोरियपुर यह कुशावर्त जनपद की राजधानी थी। वर्तमान में इसकी पहचान आगरा जिले में यमुना नदी के किनारे बटेश्वर के पास आए हुए 'सूर्यपुर' या 'सूरजपुर' से की जाती है। सोरिक (सोरियपुर) नारद की जन्मभूमि थी। सूत्रकृतांग में एक 'लोरी' में अनेक नगरों के साथ 'सोरियपुर' का भी उल्लेख हुआ है।४ द्वारका द्वारका की अवस्थिति के विषय में अनेक मान्यताएँ प्रचलित हैं : (1) रायस डेविड्स ने द्वारका को कम्बोज की राजधानी बताया है।" (2) बौद्ध-साहित्य में द्वारका को कम्बोज का एक नगर माना गया है। डॉ० . मललशेखर ने इस कथन को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सम्भव है यह कम्बोज 'कंसभोज' हो, जो कि अन्धकवृष्णिदास पुत्रों का देश था।" (3) डॉ० मोतीचन्द्र ने कम्बोज को पामीर प्रदेश मान कर द्वारका को बदरवंशा से उत्तर में स्थित 'दरवाज' नामक नगर माना है।' (4) घट जातक (सं० 355) के अनुसार द्वारका के एक ओर समुद्र था और दूसरी ओर पर्वत था। डॉ० मललशेखर ने इसी को मान्य किया है। १-भारतीय इतिहास : एक दृष्टि, पृ० 185 / २-कालक-कथासंग्रह, उपोद्घात, पृ० 52 / ३-आवश्यक चूर्णि, उत्तरभाग, पृ० 194 / ४-सूत्रकृतांग वृत्ति, पत्र 119 / 5-Buddhist India p. 28. : Kamboja was the adjoining country in the extreme north-west, with Dvaraka as its capital. ६-पेतवत्थु, भाग 2, पृ. 9 / ७-दि डिक्शनरी ऑफ पाली प्रॉपर नेम्स, भाग 1, पृ० 1126 / ८-ज्योग्राफिकल एण्ड इकोनॉमिक स्टडीज इन दी महाभारत, पृ० 32-40 / ९-दि डिक्शनरी ऑफ पाली प्रॉपर नेम्स, भाग 1, पृ० 1125 / /