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________________ प्रकरण : छठा १-महावीर तीर्थङ्कर थे पर जैन-धर्म के प्रवर्तक नहीं भगवान महावीर तीर्थङ्कर थे, फिर भी किसी नए धर्म के प्रवर्तक नहीं थे। उनके पीछे एक परम्परा थी और वे उसके उन्नायक थे। __ महात्मा बुद्ध स्वतंत्र-धर्म के प्रवर्तक थे या किसी पूर्व परम्परा के उन्नायक ? इस प्रश्न के उत्तर में बौद्ध-साहित्य कोई निश्चित उत्तर नहीं देता। उपक आजीवक के यह पूछने पर कि तेरा शास्ता (गुरु) कौन है ? और तू किस धर्म को मानता है ? महात्मा बुद्ध ने कहा-"मैं सबको पराजित करने वाला, सबको जानने वाला हूँ। सभी धर्मों में निर्लेप हूँ / सर्व-त्यागी हूँ, तृष्णा के क्षय से मुक्त हूँ, मैं अपने ही जान कर उपदेश करूंगा। मेरा प्राचार्य नहीं है, मेरे सदृश ( कोई ) विद्यमान नहीं। देवताओं सहित (सारे) लोक में मेरे समान पुरुष नहीं। मैं संसार में अर्हत् हूँ, अपूर्व उपदेशक हूँ। मैं एक सम्यक सम्बुद्ध, शान्ति तथा निर्वाण को प्राप्त हूँ। धर्म का चक्का घुमाने के लिए काशियों के नगर को जा रहा हूँ। (वहाँ) अंधे हुए लोक में अमृत-दुन्दुभि बनाऊँगा। मेरे ही ऐसे आदमी जिन होते हैं, जिनके कि चित्तमल (आस्रव) नष्ट हो गए हैं। मैंने बुराइयों को जीत लिया है, इसलिए हे उपक ! मैं जिन हूँ।" ___ एक दूसरे प्रसंग में कहा गया है- भगवान् ने इन्द्रकील पर खड़े होकर सोचा--- 'पहले बुद्धों ने कुल नगर में भिक्षाचार कैसे किया ? क्या बीच-बीच में घर छोड़ कर या एक ओर से...?' फिर एक बुद्ध को भी बीच-बीच में घर छोड़ कर भिक्षाचार करते नहीं देख, 'मेरा भी यही ( बुद्धों का ) वंश है, इसलिए यही कुल धर्म ग्रहण करना चाहिए। इससे आने वाले समय में मेरे श्रावक (शिष्य) मेरा ही अनुसरण करते (हुए) भिक्षाचार व्रत पूरा करेंगे,' ऐसा (सोच) छोर के घर से भिक्षाचार आरम्भ किया।' राजा शुद्धोदन के द्वारा आपत्ति करने पर बुद्ध ने कहा--"महाराज ! हमारे वंश का यही आचार है।"3 पहले प्रसंग से प्राप्त होता है कि बुद्ध स्वतंत्र-धर्म के प्रवर्तक थे, उनका किसी परम्परा १-(क) विनयपिटक, पृ. 79 / __ (ख) बुद्धचर्या, पृ० 20-21 / २-बुद्धचर्या, पृ. 53 / ३-वही, पृ० 53 /
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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