________________ 1. बहिरङ्ग परिचय : शरीर-परामर्श दिगम्बर-परम्परा के साहित्य में दशवकालिक का विषय 'साधु के आचार-गोचर की विधि का वर्णन' बतलाया है।' १-(क) जयधवला, पृष्ठ 120 : साहूणमायारगोयरविहिं दसवेयालियं वण्णेदि। (ख) धवला, सत्प्ररूपणा (13131), पृष्ठ 97 : दसवेयालियं आयार-गोयर-विहिं वण्णेइ। (ग) अंगपण्णत्ति चूलिका, गाथा 24 : जदि गोचरस्स विहिं पिंडविसुद्धिं च जं परुवेदि / दसयालिय सुतं दहकाला जत्य संवुत्ता //