________________ 201 5. व्याख्या-प्रन्थों के सन्दर्भ में : निरुक्त संमओत्ति वा अणुमओत्ति वा एगट्ठा / ' मलंति वा पावंति वा एगष्ट्ठा / गुणेतित्ति वा परियट्टतित्ति वा एगट्ठा / अभूतिभावोत्ति वा विणासभावोत्ति वा एगट्ठा / पउंजेज्जति वा कुब्विज्जत्ति वा एगट्ठा / 5 पभासइत्ति वा उज्जोएइत्ति वा एगट्ठा / 6 उवट्ठिओत्ति वा अम्भुष्ट्रिओत्ति वा एगट्ठा / ' सालत्ति वा साहत्ति वा एगट्ठा। निग्गच्छंति वा पावंति वा एगट्ठा / . उभओत्ति वा दुहओत्ति वा एगट्ठा / 10 पुज्जोणाम पूयणिज्जोत्ति वा एगट्ठा / '' चरतित्ति वा भक्खतित्ति वा एगष्ट्ठा / 13 सक्कति वा सहयत्ति वा एगट्ठा / 3 दोमणसंति वा दुम्मणियंति वा एगट्ठा / 14 सययंति वा अणुबद्धंति वा एगट्ठा / 15 सोऊण वा सोच्चाण वा एगट्ठा / 16 मुणित्ति वा नाणित्ति वा एगट्ठा / 17 १--जिनदास चूर्णि, पृ०२९३ / १०-वही, पृ०३१६ / २-वही, ,, 294 / ११-कही, ,, 318 / ३-वही, ,, 297 / १२--वही, , 319 / ४-वही, ,, 302 / १३--वही, , 320 / ५-वही, ,, 306 / १४-वही, ,, 321 / ६-वही, ,, 307 / १५-वही, ,, 323 / ७-वही, , 308 / १६-वही, ,, 324 / ८-वही, ,, 308 / १७-वही, ,, 324 / ९-वही, , 314 /