________________ 4. चर्यापथ : मुनि के विशेषण الله १–महर्षि-महैषी / (3 / 10) ३२-मिताशन / (8 / 26) २—परिज्ञातपंचास्रव / (3 / 11) ३३–अनलस / (8 / 42) ३–त्रिगुप्त / ३४-जितेन्द्रिय / (8 / 44) ४-पंचनिग्रहण। , ३५–आलीनगुप्त / ,, ५-धीर। ___३६–दुःखसह / (8 / 63) ६–निनन्थ / ३७–अमम। " ७---ऋजुदी / . ., ३८–अकिंचन / ८-लघुभूतविहारी / (3 / 10) ३६.-आचारवान् / (6 / 1 / 3) ६-संयत / (3 / 12). ४०–सुस्थितात्मा। १०–सुसमाहित / ,, ४१–अनाबाधसुखाभिकांक्षी। (6 / 1 / 10) ११-दान्तपरिषहरिपु / (3 / 13) ४२–निर्देशवर्ती / (6 / 2 / 23) १२-धुतमोह। . ,, ४३—सूत्रार्थधर्मा / , १३–सर्वभूतात्मभूत / (46) ४४-जिनमत-निपुण / ( / 3 / 15) १४–पिहितास्रव। , ४५---अभिगमकुशल / १५—दान्त / , ,, ४६—निर्जातरूपरजत / (10 / 6) १६-सुप्रणिहितेन्द्रिय / (5 / 2 / 50) ४७–सम्यग्दृष्टि / (107) १७–तीव्रलज्ज गुणवान् / , ४८—अमूढ़ / १८--निभूत। (63) ४९—संयमधु वयोगयुक्त। (10 / 10) १६-सर्वभूतसुखावह / ,, ५०–उपशान्त / २०-धर्मार्थकाम / (6 / 4) ५१-अविहेठक। २१–विपुलस्थानभागिन् / (6 / 5) ५२–व्युत्सृष्टत्यक्तदेह / (10 / 13) २२–अमोहृदर्शी / (6 / 67) ५३—अनिदान / 23- स्वविद्यविद्यानुगत / (6 / 68) ५४—अकौतूहल। , २४-मुधांजीवी / (8 / 24) ५५–अध्यात्मरत / (10 / 15) २५-रुक्षवृत्ति / (8 / 25) ५६–सुसमाहितात्मा। , २६-सुसंतुष्ट / , ५७–सर्वसंगापगत / , २७-अल्पेच्छ। , ५८–स्थितात्मा / (10 / 17) २८-सुभर। , ५६-धर्मध्यानरत / (10 / 16) २६-अतितिण / (8 / 26) ६०–अमद्यमांसाशी / (चू०२७) ३०-अचपल। , ६१–अमत्सरी। .. ३१-अल्पभाषी। , ६२–प्रतिबुद्धजीवी / (2 / 15)