________________ ( 18-4 ) / खास करीने ब्राह्मणपरंपराना धर्मांतर करी आवेलाओ माटे आ संयोगोमां शांत बेसी रहेवु शक्य नहोतुं / गोरव अने दान राज्याश्रय विना मेळवी शकाय तेम नहातां, अने राज्याश्रय वाद विना संभवित नहोतो तेथी आ० सिद्धसेन नृपसभाओमां आ आहवान स्वीकारी ठेवाना मार्गने अनुमोदन आपे छ / आ एक धार्मिक कार्य हतु-मिशन हतुं / पूर्वे मीमांसाने नामे चर्चासभाओ योजाती हती पण आ० सिद्धसेनना समयमां तेम रह्यं हतु / वाद द्वारा ज विनयो हामल कराता ने धर्मधजा फरकावाती / आथो गुरु ननो पोताना शिष्योने वाद माटे शिक्षण पण आपता हशे / आ० सिद्धसेन वादसभाओनु न गमे तेवू चित्र आपे छे / तेमां निर्णाय को द्वारा ताटस्थ्य जळवातुं न हतुं अने वादो-प्रतिवादी विजय माटे गमे ते छळ करता / विद्वान पंडितोने राज्याश्रय मळतो अने एने लीवे उत्तम पुरुषो पण राजाओनी स्तुति ओ करवा प्रेराता (12- 2) / आ• सिद्धसेन द्वारा भगियारमी द्वात्रिंशिकामां कोईक राजानी प्रशंसा कराई छे तेमांथी तेना समयनुं राजकीय वातावरण पण जावा मळे छे / आ० सिद्धसेनना जोवन दरमियान ज पृथ्वो ( एटछे के भारत ) घणा राजाओमां वहेंचायेली हतो / आ गजाओ व्यर्थ राजपद धारण करता / धर्मेनो हास थयो हतो त्यारे आ राजाए वीजा राजाओने पोताने माधीन बनावी सार्वभौम सत्ता स्थापी अने जाणे सत्युगर्नु अवतरण थयुं / आ राजानी तुलना विष्णु माये करवामां मावो छे