________________ सेननो पण एज समय स्वीकारी शकाय आ० सिद्धसेन भने कालिदास एक ज समयनुं प्रतिनिधित्व करे छे एवं तेमनी कृतिमोना मांतर प्रमाण परथी पण जणाय छे। . . __प्राचीन परंपरामा समयनु आजे आपणे मानीए छोए तेटलं महत्त्व न हतुं अने तेथो कोईक लेखकने अकारण भिन्न समयमा मूकवानुं कोई प्रयोजन नथी जणातुं / वळी, ते समये ज्यारे आवा मिथ्या उल्लेखो थया होय त्यारे जेमनी समक्ष वास्तविकता वधारे स्पष्ट होय तेवा विद्वानो पण होवाना, जे आनो विरोध करे, आने चलावा न ले। जो आ० हेमचंद्र, राजा जयसिंह अने कुमारपालना समकालीन होय तो तेनाथी हजार वर्ष पूर्वे थयेला आ० सिद्धसेन विक्रमादित्यना समकालीन होय .ए वातने शा मात्रै शंकानी नजरे जोवी जोईए ? - अन्यत्र ममयना प्रश्नने वीगते चर्चवामां आव्यो छे तेथो मही एना उंडाणमां ऊतरतो. नथी पण केटलाक आंतरिक पुराबाओ नों, छं जे सिद्धसेननी प्राचीनता दशावे छे / 1. आ. सिद्धसेन कांड शब्दनो (chapter- प्रकरणना अर्थमां) प्रयोग करे छे। . 2. 'साख्यप्रबोधद्वात्रिंशिका'मां प्राचीन साख्यनु आलेखन थडे - छे, जे ईश्वरकृष्ण पूर्वेना समयनुं जणाय छ / 3. एक द्वात्रिशिकामां नियतिवादन आलेखन थयुं छे /