________________ 1. राजा सुकेतु ने कृष्ण के पराक्रम को सुनकर अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह उनके साथ कर दिया।३२ सत्यभामा का मानभंग करने के लिए नारद मुनि ने अपनी योजना द्वारा श्री कृष्ण से रुक्मिणी का हरण करवाया, जिससे श्री कृष्ण ने विधिवत् विवाह किया।३३ 3. नारद मुनि के कहने पर श्री कृष्ण ने जम्बपुर नगर के विद्याधर जाम्बव की पुत्री जाम्बवती का हरण किया एवं उससे विवाह किया। सिंहलदीप के राजा श्लक्षणरोम के साथ श्री कृष्ण ने युद्ध किया एवं उसके सेनापति को मारकर उसकी रूपवती कन्या लक्ष्मणा को हर लाये। द्वारिका लाने पर उसके साथ उन्होंने विवाह किया।३५ 5. सुराष्ट्र देश के राजा राष्ट्रवर्धन की सुसीमा नामक कन्या को प्रभास तीर्थ से श्री कृष्ण हरण कर लाये एवं उससे विवाह किया।२६ 6. सिन्धु देश के राजा वीतभय की गौरी नामक कन्या के साथ भी श्री कृष्ण ने विवाह किया एवं उसके साथ सुखपूर्वक रहने लगे।७।। अरिष्टपुर नगर के राजा हिरण्यनाभ की पुत्री पद्मावती को श्री कृष्ण स्वयंवर के समय हठपूर्वक ले आये तथा विरोधी सेनाओं को नष्ट कर रण में शूरवीरता दिखाई।३८ गान्धार देश के इन्द्रगिरि नामक राजा की गान्धारी नाम की कन्या का श्री कृष्ण ने हरण किया तथा उससे विवाह किया।३९ . इस प्रकार से श्री कृष्ण की आठ पट्टरानियों का उल्लेख हरिवंशपुराण में मिलता है, जिससे प्रत्येक के साथ श्री कृष्ण का विवाह उनके पराक्रम का द्योतक है। इतना ही नहीं सुसीमा, गौरी, पद्मावती तथा गान्धारी का नाम भी कवि की नवीन उद्भावना पर आधारित है। सूरसागर में वर्णित राधा का वर्णन हरिवंशपुराण में कहीं नहीं मिलता। पुराणकार ने श्री कृष्ण के प्रत्येक जीवन-प्रसंग में उनकी अप्रतिम शक्ति बताने का प्रयास किया है अतः उनके विवाह प्रसंग भी इसी शक्ति व पराक्रम के परिचायक है। . . श्री कृष्ण के सहोदर एवं राजकुमार मगध नरेश जरासंध ने अपनी पुत्री जीवद्यशा का विवाह कंस के साथ किया। कंस ने जरासंध की सहायता से मथुरा का राज्य प्राप्त किया एवं उसने निर्दयता से अपने पिता उग्रसेन को जीतकर कैद कर लिया।४० वसुदेव के प्रत्युपकार के लिए कंस ने अपनी बहिन देवकी का विवाह उनके साथ कर लिया। वसुदेव कंस के आग्रह से देवकी के साथ मथुरा में रहने लगे तथा कंस शूरसेन नामक विशाल देश की राजधानी मथुरा का शासन करने लगा। एक बार कंस के बड़े भाई अतिमुक्तक मुनि आहार के लिए राजमन्दिर में आये। -