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________________ 18 : चउसरणपइण्णयं 6.. पु. : मुनि श्री पुण्यविजयजी के हस्तलिखित ग्रन्थ संग्रह की प्रति। ___ इन पाण्डुलिपियों की विशेष जानकारी के लिए हम पाठकों से “पइण्णयसुत्ताई” ग्रन्थ की प्रस्तावना के पृष्ठ 23- 27 देख लेने की अनुशंसा करते हैं। कुशलानुबंधी चतुःशरण एवं चतुःशरण प्रकीर्णक के प्रकाशित संस्करण : ___ अर्धमागधी आगम साहित्य के अन्तर्गत अंग, उपांग, नियुक्ति, भाष्य, टीका आदि के साथ अनेक प्राचीन एवं अध्यात्मप्रधान प्रकीर्णकों का निर्देश भी प्राप्त होता है किन्तु व्यवहार में इन प्रकीर्णकों के प्रचलन में नहीं रहने के कारण अधिकांश प्रकीर्णक जन-साधारण को अनुपलब्ध ही रहे और कुछ प्रकीर्णकों को छोड़कर अन्य का प्रकाशन भी नहीं हुआ है। कुशलानुबंधी चतुःशरण प्रकीर्णक के उपलब्ध प्रकाशित संस्करणों का विवरण इस प्रकार (1) चउसरण पयन्ना - जैन सिद्धान्त स्वाध्याय माला , प्रका. जीवन-श्रेयस्कर-ग्रन्थमाला, रॉगडी चौक, बीकानेर, ई० स० 1941 (2) चउसरणपइन्नयं-प्रकरणमाला - प्रका• श्री जैन विद्याशाला, अहमदाबाद, ई० स०1905 (3) चउसरणपइण्णा - जैन स्वाध्यायमाला, प्रका. श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ, सैलाना,(म० प्र०) ईस. 1965 (4) चउसरणपइण्णयं - प्रकीर्णकदशकं, प्रका• श्री आगमोदय समिति, सूरत, ई॰ स॰ 1927 विगत कुछ वर्षों से प्राकृत भाषा में निबद्ध कुछ प्रकीर्णकों का प्राकृत, संस्कृत, गुजराती और हिन्दी आदि विविध भाषाओं में अनुवाद सहित प्रकाशन हुआ है। चतुःशरण प्रकीर्णक के विविध भाषाओं में निम्नलिखित संस्करण प्रकाशित हुए हैं
SR No.004296
Book TitleChausaran Painnayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuresh Sisodiya, Manmal Kudal
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year1999
Total Pages74
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_chatusharan
File Size6 MB
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