________________ श्रीसोमतिलकसूरिविरचितं कथाशेषः कर्णो धनिजनकृशा काशिनगरी, __ सहर्ष हेषन्ते हरिहरिति हम्मीरहरयः। सरस्वत्याश्लेषप्रणयलवणोदप्रणयिनि, प्रभासस्य क्षेत्रे मम हृदयमुत्कण्ठितमतः॥ इत्युक्तिव्यक्तिवैचित्रीचमत्कृतहृदा तदा / सत्कृतो भूभुजाऽगच्छद् यथास्थानं विशारदः // 31. सपादलक्षभूभर्तुर्भुक्तौ नागपुरे पुरे / चिकारयिपया जैनचैत्यस्य कुमरो नृपः // दूतेन ज्ञापयामास श्रीमद्वीसलभूपतेः / तस्मिन् भूमिमददाने जिनधर्मविरोधतः // कुमारपालभूपालः स्वयमागत्य सैन्ययुक् / रुरोध श्रीनागपुरं बिले तार्क्ष्य इवोरगम् // तदन्तः कुमरो नाम महामाण्डलिको बली / चिरं बहिःस्थसैन्येन रणं चक्रे शराशरि // नागानुभावतो दुर्ग ग्रहीतुं विग्रहेण तम् / न शेके गूर्जरेशोऽपि तदैको मागधोऽभणत् // एहन होइ धर धार सार पामारनरिन्दह। एहन होइ उज्जेणि जु पई भंजीय' बलचंडह / मंडवगढ नहु' एह जु पई असिवर धंधोलीय। उनुयाण" नहु एउजु पई निर्यभुयबलि तोलीय"। नागपुरह एहु" चालुकवइ जइ वेढिउ दहदिहि घणुं"। ता नमइ न कुंमरमंडलीय वाल एकु" भमुहह तणु // ततः सरोषो भूपालो महारम्भेण सर्वतः / भ्रान्त्वा चतुःप्रतोलीषु युयुधेऽभ्यन्तरादिभिः // कुमरोऽल्पबलात्माऽपि न मुमोच स्वसाहसम् / चारणोऽपि द्वितीयेऽहि राज्ञोऽये पुनरब्रवीत् // ___ पुढाउहिहिं फेरु फिर 'तुं दिणयर देउ जिम / जण कंचणगिरि मेरु कुमरह कुमरप्पाल तिम॥ स सुप्तोत्थापितः सिंह इव भूपालपुङ्गवः / दुर्ग निःपीडयामास पक्कमाम्रफलं यथा // तदा माण्डलिको भग्नशौर्यः कातरमानसः / लिखित्वा ज्ञापयामास युक्त्या शाकम्भरीपतेः // चूयहलं परिपकं विहलिय साहा सुनिभरं पवणं / डाला डल्लणसीला न याणिमो किं पि निव्वडइ // विज्ञाय गूर्जराधीशं दुर्जेयं सोऽपि बुद्धिमान् / नाजगाम स्वयं तस्मै लिखित्वा चेदमादिशत् // जइ जिप्पइ तां मंडलीय" जिणहि त गुज्जरराउ / तुह कुमरु यहु कुमरप्पालु दुन्निवि होहु किमाउ / प्रस्तावेऽस्मिंश्चित्रकूटे श्रीमत्कुमारभूपतेः / श्रीविग्रहनृपानीकैहीत हास्तिकं बलात् // तत्स्वरूपं माण्डलिकः कुमरः प्रेष्य चारणम् / ज्ञापयामास भृभर्तुरुपायोऽवसरे बलम् // गया जि साजण साथि घरि पइठा वइरी तणइ। कुमरपाल 'ति हाथि अवसु ति अवसरि बाहडिई॥ 19 620 // 23 244 1 इत्युक्तियुक्ति / B आदर्श पाठभेदाः-१ यह. 2 ज पइ. 3 भंजिय. 4 मंडवु गदु. 5 एहु. 6 धंधोलिउ. . सचयाणु. एहु. 9 तई. 10 नियभु. 11 तोलिउ. 12 नायउरु पहु. 13 घणउं. 14 कु.मरामंडलिय'. 15 A चालुक. 16 तणउं. . B फिरइ त। 3 B दिणयरु। 4 B जणु। 5B मणि। 6 B जिप्पहि ता मंडलिउ। 7 B जिणहिं। 8A बाति। 9 B बाहुडहिं।