________________ विचारसमुद्दशः किसी काम को थोड़ा सा करने के बाद उस पूरे काम की रूपरेखा को वुद्धिपल से ज्ञान कर लेना निश्चय कर लेना अनुमान है। संभावितैकदेशो नियुक्तं विद्यात् // 10 // किसी कार्य का एक अंश पूरा कर लेने पर पूर्ण कार्य का निश्चय कर ले / अर्थात् किसी व्यक्ति ने यदि किसी काम के प्रारंभिक अंश को सफलता के साथ कर लिया तो समझना चाहिए कि वह पूरा काम सफलता के साथ कर लेगा। होनहार राजकुमार के लक्षण(आकारः शौर्य प्रज्ञा-सम्पत्तिरायतिर्विनयश्च राजपुत्राणां भाविनो राज्यस्य लिङ्गानि // 11 // शारीरिक सुन्दर आकार, शूरता, बुद्धिबल, प्रभाव, और विनय ये सब गुण राजकुमारों के भावी राज्य शासन के चिह्न हैं / अर्थात् उक्त गुणों को देखकर यह अनुमान कर लिया जाता है या किया जा सकता है। प्राणियों के भविष्य की पहिचान(प्रकृतेविकृतिदर्शनं हि प्राणिनां भविष्यतोः शुभाशुभयोर्लिङ्गम् // 12 // ) स्वभाव की विकृति ही प्राणियों के भावी शुभाशुभ का चिह्न हैं। अति किसी व्यक्ति के स्वभाव में जैसा कुछ भला-बुरा परिवर्तन समय-समय पर दिखाई पड़े वैसा ही उसका भविष्य जीवन समझे। ' एक कार्य में सफल व्यक्ति को अन्य कार्य में सफलता की संभावना(एकस्मिन् कर्मणि दृष्टबुद्धिपुरुषकारः कथं नाम न कर्मान्तरे समर्थः ॥१शी किसी एक काम में जो अपना बुद्धि और पौरुष प्रदर्शित कर चुका है वह दूसरे काम में क्यों नहीं समर्थ होगा? आगम का लक्षण माप्तपुरुषोपदेश आगमः // 14 // .आप्त पुरुषों के उपदेश को आगम कहते हैं। आप्त का लक्षणमयानुभूतामितश्रुतार्थाऽविसंवादिवचनः पुमानाप्तः // 15 // अनुभव, अनुमान और शास्त्रश्रुत अर्थ के अनुसार वचन बोलने वाला पुरुष आप्त है। युक्तिहीन वाक्य की व्यर्थता(सा वागुक्ताऽप्यनुक्तसमा, यत्र नास्ति सद्युक्तिः // 16 // ) .. जिसमें कोई अच्छी युक्ति न दी गई हो ऐसी बात कही हुई भी न कही जाने के समान है। ..