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________________ शिखर तल जिबिका मोटी मगरमच्छ के समान विशाल जिह्निका- प्रणालिका' से 'हरिकान्ताप्रपात कुण्ड' में जाकर गिरती है। (चित्र क्रमांक 44) यह कुण्ड 240 योजन लम्बा-चौड़ा है, उसकी परिधि 759 योजन की है। इसके बीचों-बीच 'हरिकान्त' नामक एक विशाल द्वीप है। वह 32 योजन लम्बा-चौड़ा है। उसकी परिधि 101 योजन है, वह जल से ऊपर दो कोश ऊँचा उठा हुआ है। वेगपूर्वक गिरती मिली चारों ओर एक पद्मवरवेदिका द्वारा तथा एक वनखण्ड द्वारा घिरा हुआ है। पदाका राजाहका हरिकान्ताप्रपातकुण्ड के उत्तरी तोरण से हरिकान्ता महानदी आगे हरिवर्ष क्षेत्र में बहती हुई, विकटापाती वृत्तवैताढ्यपर्वत से एक योजन पहले ही पश्चिम की ओर मुड़ कर हरिवर्षक्षेत्र को दो भागों में विभाजित करती हुई आगे बढ़ती है। फिर 56,000 नदियों से आपूर्ण होकर नीचे की ओर जम्बूद्वीप चित्र क्र.44 की जगती को चीरती हुई पश्चिमी लवणसमुद्र में मिल जाती है। हरिकान्ता महानदी जिस स्थान से उद्गत होती है, वहाँ उसकी चौड़ाई पच्चीस योजन तथा गहराई आधा योजन है। तदनन्तर क्रमश: उसका प्रमाण बढ़ता जाता है। जब वह समुद्र में मिलती है, तब उसकी चौड़ाई 250 योजन तथा गहराई पाँच योजन होती है। वह दोनों ओर दो पद्मवरवेदिकाओं से तथा दो वनखण्डों से घिरी हुई है। हरिवर्ष क्षेत्र महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के उत्तर में पूर्व-पश्चिम दोनों ओर से लवण समुद्र का स्पर्श करता हुआ 'हरिवर्ष' नामक अकर्मभूमि क्षेत्र है। इसका विस्तार 8421 योजन एक कलां का है। उसकी दक्षिणी जीवा पूर्व-पश्चिम 13,361 योजन 62 कलां लम्बी है। उत्तर में उसकी जीवा पूर्व-पश्चिम 73,901 योजन 17/ कलां लम्बी तथा धनुः पृष्ठ 84,016 योजन 4 कलां है। इसमें रहने वाले युगलियों का शरीर रक्त प्रभायुक्त है। कतिपय युगलियों का शरीर श्वेत आभा वाला है। यहाँ सदैव अवसर्पिणी के सुषमा नामक दूसरे आरे जैसी अवस्था रहती है। प्रपात कुण्ड चौड़ाई लम्बाई 1. पर्वत के जिस स्थान से नदी वेग पूर्वक नीचे आती है, वहाँ एक नाली-प्रणाली होती है, उससे पानी नीचे आता है, वह प्रणाली जीभ के आकार की होती है, अत: उसे 'जिबिका' कहते हैं। 6.62AAAAAAAA-सचित्र जैन गणितानुयोग 1
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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