SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नौ कुट वैताढ्य देव गिरीकुमार का आवास शिखर पर 9 कूट 10 योजन ऊर्च आभियोगिकादेवों की दक्षिण श्रेणीका आभियोगिक देवों की उत्तर श्रेणी 10 योजन ऊँचे विद्याधरों की दक्षिण श्रेणी:50 नगर विद्याधरों की उत्तर श्रेणी 60 नगर 24. तमिस्र गुफा खडप्रपात गफा - 10,720 योजन 12 कला सिंधु नदी गंगा नदी दीर्घ वैताढ्य पर्वत और नौ कूट चित्र क्र. 33 इन गुफाओं के चार द्वार हैं, ये चारों द्वार वज्रमय है और सदा बंद रहते हैं, ये जब चक्रवर्ती षट्खंड जीतने के लिये निकलता है तभी खुलते हैं। (चित्र क्रमांक 33) उमग्नजला निमग्नजला महानदियाँ-तमिस्रागुफा के ठीक बीच में अर्थात् 21 योजन चलने के बाद 'उमग्ना' नाम नदी आती है एवं उससे दो योजन और आगे चलने पर 'निमग्ना' नामक नदी है। ये दोनों पहाड़ी नदियाँ हैं जो 3 योजन चौड़ी और 12 योजन लम्बी हैं। ये वैताढ्य पर्वत के पत्थरों में से गुजरती हुई गुफा में से होकर सिन्धु महानदी में मिल जाती है। ये दोनो नदी पूर्व से पश्चिम में बहती है। उमग्नजला नदी की यह विशेषता है कि यदि उस पानी में कोई तृण, घास, पत्थर यहाँ तक कि हाथी, घोड़े या मनुष्य भी गिर जाय तो वह नदी उन्हें तीन बार इधर-उधर घुमाकर किसी एकांत निर्जल प्रदेश में लाकर डाल देती है। अर्थात् इस नदी में कोई भी वस्तु डूबती नहीं है, तैरती ही रहती है एवं थोड़ी ही देर में जल प्रवाह के झपाटे में आकर वह वस्तु किनारे पर फिक जाती है। निमग्नजला नदी का स्वभाव इससे विपरीत है उसमें भारी पदार्थ तो क्या, हल्का से हल्का तिनका या रूई भी गिर जाय तो वह डूब जाता है। अतः चक्रवर्ती बड़ी सावधानी से अपने वार्धकी रत्न-शिल्पकार की सलाह के अनुसार इन दोनों नदियों पर पुल बनवाकर नदियाँ पार करता है। वे पुल चक्रवर्ती के जीवनकाल तक बने रहते हैं। उतने समय तक उत्तरार्द्ध या दक्षिणार्द्ध भरत के निवासी बिना रोक-टोक या अवरोध के इन गुफाओं में गमनागमन कर सकते हैं। (चित्र क्रमांक 34) 38 A AAAसचित्र जैन गणितानुयोग
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy