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________________ अध्याय 5 : क्षेत्र व कालमान जैन गणितानुयोग का मुख्य उद्देश्य जैन खगोल और भूगोल अर्थात् लोक के स्वरूप को समझाना है, लोक क्षेत्र और काल सापेक्ष होता है, अतः इसके अन्तर्गत क्षेत्र और काल की चर्चा भी समाहित है। क्षेत्र से तात्पर्य है-लम्बाई-चौड़ाई और ऊँचाई। यह माप 'प्रदेश' से प्रारम्भ होता है और 'रज्जु' तक जाकर समाप्त होता है। अर्थात् क्षेत्र माप की सबसे छोटी इकाई ‘प्रदेश' है और सबसे बड़ी इकाई रज्जु है। 'प्रदेश' अर्थात् गतिशील एक परमाणु एक समय में सामान्यतः जितनी दूरी पार करता है, उतने आकाश के क्षेत्र को 'प्रदेश' कहते हैं। दूसरे शब्दों में प्रदेश' 'वास्तविक भौमितिक बिन्दु' (True Geometrical Point) है। / अति सूक्ष्मता के कारण परमाणु अंसव्यवहार्य हो जाता है। अर्थात् वह व्यवहार में उपयोगी नहीं है। इसलिए 'व्यवहारिक परमाणु' नाम से दूसरा 'मान' स्थापित किया गया है। यह अनंत परमाणुओं का बना हुआ 'स्कन्ध' है। अनन्त व्यवहारिक परमाणुओं का एक प्रसिद्ध स्कन्ध "उत्श्लक्षण श्लक्ष्णिका' बनता है। यह माप क्षेत्र की व्यवहार्य इकाई के रूप में है। प्रदेश के द्वारा व्यवहारिक माप का कोष्ठक निम्न प्रकार है अनंतानंत सूक्ष्म परमाणु = 1 उत्श्लक्ष्णश्लक्ष्णिका - व्यवहारिक परमाणु। 8 उत्श्लक्ष्ण श्लक्ष्णिका = 1 श्लक्ष्णश्लक्ष्णिका। 8 श्लक्षण श्लक्ष्णिका = 1ऊर्ध्व रेणु - वे कण जो सूर्य प्रकाश में खिड़की आदि में उड़ते दिखाई दें। 8 उर्ध्व रेणु = 1 त्रस रेणु - पूर्व दिशा की वायु से प्रेरित होकर उड़ने वाले कण। 8 त्रसरेणु = 1 रथरेणु - चलते रथ के चक्र के कारण उड़ने वाले धूलिकण। 8 रथरेणु = 1 बालाग्र - देवकुरू, उत्तरकुरू के युगलिकों का। 8 बालाग्र = 1 बालाग्र - हरिवर्ष - रम्यक वर्ष के युगलिकों का। 8 बालाग्र = 1 बालाग्र - हेमवत - हैरण्यवत के युगलिकों का। 8 बालाग्र = 1 बालाग्र - महाविदेह के मनुष्यों का। 8बालाग्र = 1 बालाग्र - भरत-ऐरावत क्षेत्र के मनुष्य का। 8बालाग्र = 1 लीख 8लीख = 1 नूँ = 1 जव 8 जव = 1 उत्सेधांगुल (दो उत्सेधांगुल से भगवान महावीर का एक आत्मांगुल बनता है।) 8 नँ 6 156 156 सचित्र जैन गणितानुयोग
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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