________________ 6 उत्सेधांगुल = 1 पाँव का मध्यभाग 2 पाँव के मध्य भाग ___ = 1 बेंत (बालिश्त) 2 बेंत = 1हाथ 2 हाथ = 1 कुक्षि 2 कुक्षि = 1 धनुष 2 हजार धनुष = 1कोस चार कोस = 1 योजन (उत्सेधांगुल से 8 माइल) (चित्र क्रमांक 100) विभागनिष्पन्न क्षेत्र माप-इसकी आद्य इकाई 'अंगुल' है। अंगुल तीन प्रकार का है-(1) उत्सेधांगुल, (2) आत्मांगुल, (3) प्रमाणांगुल। क्षेत्र माप पाद यव हाथ रत्ति HIHITI छह अंगुल का एक पाद दो बेंत का हाथ (रत्नि) आठ यव मध्य का एक अंगुल 2 रत्त्नि = कुक्षि, दो हाथ की कुक्षि दो पाद (12 अंगुल) दो कुक्षि = धनुषमान नावितस्ति (बेंत) चित्र क्र.100 सचित्र जैन गणितानुयोग - 157