________________ अढ़ाई द्वीप में 132 सूर्य व चंद्र की पंक्तियाँ मानुषोत्तर पर्वत आभ्यंतर अर्द्धपुष्कर द्वीप कालोदधि समुद्र धातकी खण्ड 136 सूर्य 21 सूर्य द्वितीय पंक्ति में 66 सूर्य 6 चंद्र 21 चंद्र 36 चंद्र लवण समुद्र द्वितीय पंक्ति में 66 चंद्र 6 सूर्य जंबू द्वीप 2 सूर्य / 32 चंद्र मेरू 2 चंद्र . लवण समुद्र 2 सर्य . प्रथम पंक्ति में 66 चंद्र . धातकी खण्ड 36 चंद्र 21 चंद्र 6 चंद्र प्रथम पंक्ति में 66 सूर्य, कालोदधि समुद्र 6 सर्य 21 सूर्य 36 सूर्य। आभ्यंतर अर्द्धपुष्कर द्वीप बाह्य पुष्कर द्वीप चित्र क्र.93 समश्रेणी में दक्षिण दिशा में लवण समुद्र के दो, धातकीखण्ड के 6 कालोदधि के 21 और पुष्करार्ध के 36, इस प्रकार 66 सूर्य दक्षिण दिशा में होते हैं। जब जम्बूद्वीप की दक्षिण दिशा में 1 सूर्य होता है, तब एक सूर्य उत्तर दिशा में भी होता है। और वैसे ही उस सूर्य की समश्रेणी में भी लवण समुद्र के 2 धातकी खण्ड के 6, कालोदधि के 21 और पुष्करार्ध के 36 सूर्य = 66 सूर्य उत्तर दिशा की समश्रेणी में आते हैं। इसी प्रकार पूर्व-पश्चिम दिशा में 66-66 चन्द्र पंक्ति की व्यवस्था भी समझ लेनी चाहिए। इसका यह अर्थ नहीं कि सूर्य पंक्ति सदा दक्षिणोत्तर दिशा में और चन्द्र पंक्ति सदा पश्चिम दिशा में प्रकाश करती है। किन्तु अढ़ाई द्वीप के चन्द्र-सूर्य आदि ज्योतिषी विमान चर होने के कारण जब पंक्तिगत 66 सूर्य 132SADAAAAAसचित्र जैन गणितानुयोग -