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________________ ग्रह, (28 x 2 =) 56 नक्षत्र और (66,975 x 2 =) 1,33,950 कोटाकोटी तारों का परिवार बनता है। इसी प्रकार लवण समुद्र में 4 चन्द्र, धातकीखंड में 12, कालोदधि में 42 और पुष्करार्द्ध द्वीप में 72 सूर्य-चन्द्र का परिवार कितना होगा, यह निम्न तालिका से जाना जा सकता है। अढाई द्वीप के ज्योतिष्क देवों की संख्या ___क्षेत्र सूर्य चन्द्र ग्रह नक्षत्र / तारा | जम्बूद्वीप 2 2 176 56 | 1,33,950 कोटा कोटी | लवण समुद्र 4 4 352 1122,67,900 कोटा कोटी | धातकीखंड | 12 | 12 | 1056 | 336 | 8,03,700 कोटा कोटी | कालोद समुद्र 42 42 3 696 1176 | 28,12,950 कोटा कोटी | पुष्करार्ध द्वीप - 72 72 6 336 2016 48,22,200 कोटा कोटी कुल संख्या - 132 132 | 11616 | 3696 | 88,40,700 कोटा कोटी यहाँ एक प्रश्न हो सकता है कि 45 लाख योजन प्रमाण अढ़ाई द्वीप में 88,40,700, कोटाकोटी (88,40,70,00,00,00,00,00,00,000) इतने तारे कैसे समाविष्ट हो सकते हैं? समाधान यह है कि तारों के विमान का नाप उत्सेधांगुल से है और जम्बूद्वीपादि का माप प्रमाणांगुल से। प्रमाणांगुल उत्सेधांगुल से हजार गुणा बड़ा है। जम्बूद्वीप का क्षेत्रफल प्रमाणांगुल से 7,90,56,94,150 योजन का है। इतने बड़े आकाश क्षेत्र में ऐसे कोटाकोटी की संख्या वाले तारे जो कि उत्सेधांगुल से आधा कोस प्रमाण लम्बे-चौड़े हैं, वे आसानी से समा सकते हैं। द्वीप-समुद्रों में चन्द्र-सूर्य की संख्या निकालने की विधि-कालोदधि से स्वयम्भूरमण समुद्र पर्यन्त सूर्य और चन्द्र की संख्या निकालने की विधि इस प्रकार है-जिस द्वीप या समुद्र की चन्द्र संख्या या सूर्य संख्या निकालनी हो, उसको तिगुनी करके पिछले द्वीप-समुद्र की चन्द्र-संख्या के साथ जोड़ देने से किसी भी द्वीप और समुद्र के चन्द्रों या सूर्यों की संख्या मालूम हो जाती है। जैसे कालोदधि समुद्र के सूर्य-चन्द्र की संख्या ज्ञात करनी है तो धातकीखण्ड द्वीप में 12 चन्द्र और 12 सूर्य कहे हैं। इन्हें तिगुना करने से 12 x 3 = 36 हुए। इनमें जम्बूद्वीप के 2, लवण समुद्र के 4 मिला देने से 42 हुए तो कालोदधि में 42 चन्द्र और 42 सूर्य हैं। इसी प्रकार कालोदधि के 42 को तिगुना करने में 42 x 3 = 126 हुए। इनमें जम्बूद्वीप के 2, लवण समुद्र के 4 और धातकीखण्ड के 12 यों 18 मिलाने से 144 हुए। अतएव पुष्कर द्वीप में 144 चन्द्र और 144 सूर्य हैं। इसी प्रकार आगे भी समझना चाहिए। अर्द्धपुष्कर द्वीप में 144 के आधे 72 सूर्य और 72 चन्द्र हैं। चन्द्र-सूर्य की दो-दो पंक्तियाँ-मनुष्य क्षेत्र में समश्रेणी गत 132 सूर्य और 132 चन्द्र की संख्या है। उसमें दक्षिण दिशा में एक सूर्य पंक्ति और उत्तर दिशा की एक सूर्य पंक्ति कुल दो सूर्य पंक्तियाँ हैं। इसी तरह मेरू के पश्चिम में एक चन्द्र पंक्ति और मेरू के पूर्व में एक चन्द्र पंक्ति। इस तरह प्रत्येक पंक्ति में 66-66 सूर्य और 66-66 चन्द्र होते हैं। अर्थात् जब जम्बू द्वीप का एक सूर्य मेरु के दक्षिण भाग में होता है तब इसी सूर्य की सचित्र जैन गणितानुयोग 131
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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