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________________ नक्षत्रों की आकृति व उनके तारों की संख्या धनिष्टा शंतभिषग्★ HEA श्रवण तारा संख्या : 3 तारा संख्या : अभिजित् तारा संख्या : 2 रासख्या: असत्य. उत्तरभाद्रपदा रेवती अश्विनी तारा संख्या: 3 पूर्वभाद्रपदा * * MILINDIAN तारा संख्या : 21 तारा संख्या : 2 तारा संख्या: 36 कृत्तिका रोहिणी तारा संख्या: 6 तारा संख्या: 3 नाAAH भरिणी तारा संख्या : 3 मृगशिरा पुनर्वसु पुष्य अश्लेषा तारा संख्या आद्रा तारा संख्या : 1 तारा संख्या : 5 तारा संख्या : 2 X पूर्वाफाल्गुनी तारा संख्या: 2 उत्तराफाल्गुनी तारा संख्या : 2 मघा तारा संख्या : 3 aaur तारा संख्या: 5 चित्रा तारा संख्या: स्वाति R तारा संख्या :50 अनुराधा तारा संख्या : 1 विशाखा तारा संख्या:4 ज्येष्ठा मूल | पूर्वाषाढा तारा संख्या : 4 उत्तराषाढा तारा संख्या : 4 तारा संख्या: 11 चित्र क्र.92 तारा संख्या : 128 सचित्र जैन गणितानयोग
SR No.004290
Book TitleJain Ganitanuyog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayshree Sadhvi
PublisherVijayshree Sadhvi
Publication Year2014
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size38 MB
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