________________ वनस्पतियों के स्वलेख एक दृष्टिकोण से प्राणी यन्त्र मात्र माना जा सकता है। किन्तु इस जीवित यन्त्र को उन सभी जटिल और अपूर्व रूपों में कार्यशील रखने के लिए, जिनमें यह समर्थ है--यान्त्रिक गति से लेकर स्पन्दित संवेदना और स्वतः विचार तक यान्त्रिक . पूर्णता के अलावा कुछ और भी आवश्यक है। जीवन का स्पन्दन इसमें तभी होता है जब यह पर्यावरण की सारी शक्तियों के सतत सर्पक में रखा जाय। . .