________________ वनस्पतियों के स्वलेख वनस्पति हमें सदैव बड़े दूरस्थ-से लगे हैं। क्योंकि इनका जीवन अत्यधिक गतिहीन और मूक होता है। अपनी दृश्य-जड़ता और निर्विकारता के कारण वनस्पति स्वतः क्रियाओं और स्पन्दित इन्द्रियों वाले शक्तिपूर्ण प्राणियों से अत्यधिक भिन्न हैं। फिर भी, उसी पर्यावरण से, जिसकी परिवर्तनशीलता का इतना अधिक प्रभाव प्राणियों पर पड़ता है, वनस्पति भी प्रभावित होते हैं। आँधी और धूप, ग्रीष्म की गर्मी और जोड़ों का कुहरा, अवर्षा और वर्षा, ये सब, तथा अन्य कितने ही अपना कौन सा व्यापक प्रभाव पौधों पर छोड़ जाते हैं ? भीतरी परिवर्तन अवश्य होता है किंतु हमारी आँखें उन्हें देखने में असमर्थ हैं। प्रथम दृष्टि में वनस्पति की जीवन-क्रियाएँ हमें प्राणियों की जीवन-क्रियाओं से बहुत भिन्न लगती हैं। किंतु इन गोचर भिन्नताओं के बावजूद यदि यह प्रमाणित कर दिया जाये कि वे मूलतः समरूप हैं तो यह निःसंदेह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक सामान्यीकरण होगा। तब प्राणियंत्र की पेचीदा संरचना, जिसने आज तक हमें उलझन में डाल रखा है, सदैव दुर्बोध न रहेगी / क्योंकि वनस्पति के अपेक्षाकृत सरल जीवन को समान समस्याओं के अध्ययन में स्वभावतः प्राणि-जीवन के गहन प्रश्नों का भी उत्तर मिलेगा। इसके द्वारा शरीर-विज्ञान, कृषि, चिकित्सा विज्ञान और सम्भवतः मनोविज्ञान में भी अत्यधिक उन्नति की सम्भावना है। हम अब भी वनस्पति-जीवन की मूल अभिक्रियाओं से अनभिज्ञ हैं, कारण अन्वेषकों को बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जो ज्ञान हमें सुलभ है वह अधूरे तथ्यों से भरा है और उसी पर विरोधी और असंगत सिद्धान्त आधारित हैं। इस स्थिति में केवल वही मार्ग सही होगा जो हमें वादविवाद के कोलाहल से हटकर सत्य का अनुसरण करा सके। इसलिए हमें चाहिये कि पूर्व अवधारणाओं को त्यागकर प्रत्यक्ष प्रश्न सामने रखें और आग्रह करें कि केवल वे ही प्रमाण ग्राह्य होगें, जिन पर वनस्पति के स्वयं के हस्ताक्षर हों। रहस्य से संयुक्त एक विज्ञान के जानकारों का कहना है कि वे किसी के भी हस्ताक्षर का अध्ययन कर उसका चरित्र और स्वभाव बता सकते हैं। इस प्रकार के दावों की सच्चाई पर संदेह किया जा सकता है; किन्तु फिर भी इसमें संदेह नहीं कि किसी के हस्तलेख पर उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्थाओं का प्रर्याप्त प्रभाव पड़ सकता है। हैटफील्ड हाउस (Hatfield House) में अभी तक गाइफाक्स (GuyFawkes) के हस्ताक्षर किये कागजात रखे हैं। जिन्होंने उन्हें देखा है उनका कहना है कि इन हस्ताक्षरों में भंयकर परिवर्तन है। इस पृथ्वी पर जो अन्तिम उलझे और विकृत शब्द गाइफाक्स ने अपने अपराध की लिखित स्वीकारोक्ति के लिए, वध के