________________ प्राणी और वनस्पति पर ऐलकालायड और नाग-विष की क्रिया 165 गया / स्पन्दन का विस्तार शीघ्र घट गया और बारह मिनट के भीतर ही स्पन्द-गति रुक गयी। इसके थोड़ी देर पहले मछली में एक पेशी संकोच हुआ था जो अभिलेख में नीचे गिरे हुए स्फुरण द्वारा दिखाया गया है (चित्र 68) / पौधे में तब एक प्रतिशत विष का घोल दिया गया; इससे पहले अत्यधिक निम्नन हुआ, जैसा नीचे वाले अभिलेख में दिया गया है और इसके थोड़े समय के बाद ही स्पन्द गति सदा के लिए रुक गयी (चित्र 66) / इसके बाद सूखने और सड़ने से मालूम हुआ कि पौधा मर गया। हृत्स्पन्दन पर शुचिकावरण का प्रभाव काले सर्प के विष की अल्प मात्रा, एक सहस्र में एक भाग, ने एक पौधे में सक्रियता को बढ़ाया और रस-उत्कर्ष की गति बढ़े हुए दाब द्वारा प्रशित हुई cobra Venom cobra Venom *o1 C003) .. चित्र चित्र-१०० चित्र ९९-रस के दाब के क्षय और सक्रियता के नाश पर काले सर्प के विष का प्रभाव / चित्र १००-रस के दाब की वृद्धि पर काले सर्प के विष के अत्यधिक मिश्रित घोल का प्रभाव। (चित्र 100) / कई दिन तक कटा हुआ तना इस घोल में रखा गया और यह प्रादर्श प्रबल जीवित दशा में पाया गया।