________________ 164 वनस्पतियों के स्वलेख काले सर्प के विष की क्रिया प्राणी पर काले सर्प के विष का प्रभाव अतीव घातक होता है / जब यह विष अधस्त्वक रूप से प्रविष्ट (Injection subcutaneously) होता है, तब 0.00002 ग्राम जितनी छोटी मात्रा होने पर भी, घातक प्रमाणित होता है। भारत में एक यह विश्वास बहुप्रचलित है कि काले सर्प के काटने पर मनुष्य के मृत होने के सब चिह्न-जैसे श्वास और स्पन्द-गति का रुकना-प्रकट होने पर भी, पुनर्जीवित होने की आशा रहती है। इसीलिए इस प्रकार के मृत शरीर को दूसरे प्रकार के मृत शरीर की तरह जलाते नहीं, बल्कि एक बेड़े पर रखकर नदी में प्रवाहित कर देते हैं। मैने प्राणी और वनस्पति दोनों ही पर काले सर्प के विष के प्रभाव का अध्ययन किया। इसके लिए मैंने शुष्क विष काम में लिया जिसके घातक गुण अनेक वर्षों तक अपरिवर्तित रहे। सर्प-विष की मध्यम मात्रा का प्रभाव मछली के तीव्रतापूर्वक स्पन्दित हृदय का स्वाभाविक अभिलेख लेने के बाद शिरा में विष के घोल का 0 5 सी. सी., एक सहस्त्र में एक भाग का इंजेक्शन, दिया '001 mmmmm cobra Venom चित्र ९८-काले सर्प का विष : स्वाभाविक हृत्स्पन्दन; 1 प्रतिशत विष की मात्रा के घोल द्वारा स्पन्दन की क्षीणता और अन्त में समाप्त, जैसाकि निम्न अभिलेख में दिया गया है। मृत्यु और अग-संकोचन पर ध्यान दीजिये।