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________________ 154 वनस्पतियों के स्वलेख अभिलेख जल्दी-जल्दी आवृत्ति या स्पन्दन का बढ़ा हुआ आयाम दिखाता है। दूसरी ओर अवसादी अभिकारक स्पन्दन की वृद्धि या विपुलता को घटाता है। धमनियों में हृदयगति का एक संवादी स्पन्दन होता है। हृदय की बढ़ी या घटी हई क्रिया और इसी कारण रक्त के दाब में परिवर्तन धमनी-स्पन्दन द्वारा दिय गये अभिलेखों से ज्ञात हो सकता है। मनुष्य में कलाई की सतह पर अरीय धमनी रहती है। रुधिरदाब-लेखी द्वारा धमनी में दाब-परिवर्तन का अभिलेख लिया जा' सकता है, जिसमें नाड़ी द्वारा चालित प्रवर्धन उत्तोलक की एक श्रृंखला होती है। यदि धमनी सतह पर होने के स्थान पर अन्य उदासीन ऊतकों के नीचे दब जाती, तो यह स्पष्टतः असम्भव होता। वनस्पति-अभिमर्श (Feeler) यह दिखाया गया है कि तने के प्रेरक स्तर के लयबद्ध स्पन्दन द्वारा रस संचालित होता है। किन्तु पौधे की नाड़ी को देखने का मामला ही ऐसा है कि यह प्रयल निराशामय दिखेगा। इसका कारण यह है कि प्रत्येक स्पन्दन के विस्तार और संकुचन को देखना अधिक क्षमता वाले सूक्ष्मदर्शी की भी सामर्थ्य के बाहर है, क्योंकि इसका विस्तार प्रायः एक इंच का दस लाखवाँ भाग होगा। सक्रिय कोशिकाएं पौधे के अन्दर दबी रहती हैं, तब किस प्रकार अदृश्य और अमूति को सुलभ बनाया जाय ? हम रस-स्रोत का अनुगमन करें। जब पौधा तने में रस-उदञ्चन करता है, प्रत्येक स्पन्दन के मार्ग में अत्यल्प विस्तार उपस्थित रहता है / स्पन्दन-तरंग की मन्द गति के पश्चात तना अपने पूर्व व्यास पर आ जाता है जब तक कि दूसरा स्पन्दन इसे पुनः स्फुरित नहीं करता। स्कन्ध के रसदाब की विभिन्नता का अभिलेख लेना इसलिए कठिन है कि अरीय धमनी के विपरीत संचालक वाहिनी दूसरे ऊतकों के नीचे दबी रहती है और वाहिनी का क्षेत्र तने के पूर्ण क्षेत्र की तुलना में नगण्य है। स्पन्दन-तरंग के कारण अत्यधिक हलके विस्तारण और संकुचन का ज्ञान केवल अत्यधिक परिष्कृत और संवेदनशील वनस्पति-अभिमर्श द्वारा ही हो सकता है। प्रकाशीय रुधिरदाबलेखी (Optical Sphygmograph) इस कार्य के लिए प्रकाशीय रुधिरदाबलेखी परम संवेदनशील यंत्र पाया गया। इसमें एक उत्तोलक और एक धूणित दर्पण द्वारा मिश्र प्रवर्धन होता है। तने
SR No.004289
Book TitleVanaspatiyo ke Swalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchandra Vasu, Ramdev Mishr
PublisherHindi Samiti
Publication Year1974
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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