________________ 134 वनस्पतियों के स्वलेख उच्चतर प्राणियों में है, इसीलिए प्रेरक अंग की तुलना मोटे तौर से लम्बायित हृदय से की जाती है, पौधों की प्रेरणा-प्रणाली की तुलना प्राणियों के हृदय और धमनियों से की जा सकती है। वनस्पति के हृदय की खोज तब हृदय कहाँ है ? क्या वृक्ष के भीतर रस-उदञ्चन करती हुई सक्रिय कोशिकाओं का स्थान विशेष निर्धारित करना सम्भव है ? इस प्रयत्न में हमें जीवन की लघुतम इकाई कोशिका या 'जीवन-अणु' तक पहुँचना होगा और उसके धड़कते हुए स्पन्दन का अभिलेख लेना होगा। कोशिका की स्पन्दित गति अति सूक्ष्मदर्शीय (Ultramicroscopic)होती है और इसका पता लगाना असम्भव है। लेकिन इस समस्या का समाधान मेरी उस वैद्युत खोज द्वारा सम्भव हो गया, जिसका मैंने इसके पहले उपयोग Shid :1mm *2mm *3mm गुरुत्व की उद्दीपना के प्रतिबोधन करने वाले स्तर का पता लगाने के चित्र ७५-भिन्न स्तरों पर वैद्युत स्पन्दन लिए किया था। एक संवेदनके विस्तार का अभिलेख / तल से 0.3, शील गैलवनोमीटर के साथ परिमि. मी. की दूरी पर अकस्मात् वृद्धि को पथ में खोज द्वारा 'हृदय' की देखिये, विशिष्ट स्तर आन्तरिक छिलके स्थिति का ज्ञान हुआ। एक विश्राम में है। अभिलेख का एक भाग पट्ट करती हुई पेशी में जब विद्युत्-स्पर्श से बाहर चला गया है। होता है, गैलवनोमीटर निश्चल रहता है, किन्तु स्पर्श जब स्पन्दित हृदय से होता है, तब यान्त्रिक स्पन्दनों के साथ विद्युत्-स्पन्दन भी होते हैं / 'हृदय' की स्थिति जानने के लिए मैंने धीरे-धीरे शलाका प्रविष्ट की; जैसे ही इसका स्पन्दित-स्तर से स्पर्श हुआ, विद्युत-संकेत भजे गये जिनका स्वतः अभिलेख गैलवनोमीटर पर हुआ। M