________________ रस का उत्कर्ष 126 अन्य भी कोई कारक, जो रस-उदञ्चन की वृद्धि करता है, पर्ण का शीघ्रतापूर्वक खड़ा होना भी उसी के द्वारा होता है। इसके विपरीत निम्नन द्वारा उदञ्चन-क्रिया घटाने से पर्ण का पतन होता है। ये गतियाँ इतनी सूक्ष्म होती हैं कि आसानी से दिखाई नहीं पड़ती। जब निम्न युक्ति द्वारा इनका प्रवर्धन होता है, तभी ये दिखती हैं। वैद्युत वनस्पति-आरेख (Phytograph) रस-उत्कर्ष की परिवर्ती गतियों को पकड़ने के लिए यह एक बहुत ही संवेदनशील यन्त्र है। अभिलेखक उत्तोलक से एक पतली रेशम की डोरी द्वारा पर्ण M S चित्र ७१-वैद्युत वनस्पति-आरेख / को जोड़ देते हैं। यह पर्ण की गति का दस से सौ गुना प्रवर्धन करता है। यह अभि