________________ चुम्बकीय वृद्धिलेखी हुए पौधे ('W' द्वारा प्रशित) के छोर से जोड़ दिया जाता है। वृद्धि-दीर्घण चुम्बकीय शलाका के 'N' छोर को नीचे झुकाता है। इससे संयुक्त छोटे दर्पण से TTAMImmitrumITAMIL चित्र ५६--चुम्बकीय वृद्धिलेखी का आरेखीय निरूपण / S-N, आलम्ब पर आधारित चुम्बकीय शलाका; उत्तोलक का लघुबाहु, बढ़ते हुए पौध 'w' से संयुक्त। वृद्धि-दीर्घण, 'N' भाग को गिराता है, जिससे संयुक्त दर्पण 'M' के साथ निलम्बित सुई का विस्थापन बढ़ता है। परावर्तित प्रकाश-बिन्दु द्वारा विस्थापन का प्रवर्धन / लटकती चुम्बक-सुई 'ns' का और अधिक विस्थापन होता है। एक 'ns' के लिए सुइयों की एक पूर्ण अस्थैतिक (Astatic) प्रणाली उपयोग करने से संवेदनशीलता अत्यधिक बढ़ जाती है। दर्पण से प्रतिबिम्बित प्रकाश की एक रेखा दूर स्थित तुला पर पड़ती है। प्रतिबिम्बित प्रकाश की यात्रा वृद्धि की गति को दस से सौ लाख गुना दिखाती है। इस बृहत् प्रवर्धन को सोच पाना बहुत कठिन है। किन्तु फिर भी इसके विषय में कुछ ठोस अंदाज इस तरह मिल सकता है। मान लें कि घोंघे की पूर्ण गति को यदि प्रवर्धक वृद्धिलेखी द्वारा दस लाख गुना प्रवधित किया जाय तो क्या होगा? . आधुनिक शतघ्नी विज्ञान (Gunnery) में भी इस वधित गति का कोई समानान्तर नहीं