________________ तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक 239 द्वितीयेन संयोगे द्वयोर्नास्तित्वयोरेकस्यास्तित्वस्य क्रमशः पृष्टेनापुनरुक्ततास्तु पूर्वं तथा पृष्टेरभावात् / तथा चतुर्थस्य पंचमेन संयोगे द्वयोरव्यक्तयोरेकस्यास्तित्वस्य षष्ठेन संयोगे द्वयोरव्यक्तयोरेकस्य नास्तित्वस्य सप्तमेन संयोगे द्वयोरव्यक्तयोरेकस्यास्तित्वस्य नास्तित्वस्य च क्रमेण प्रधानतया पृष्टेर्न पुनरुक्तता / तथा पंचमस्य षष्ठेन संयोगे द्वयोरव्यक्तयोरेकस्यास्तित्वस्य नास्तित्वस्य पृष्टे : पंचमस्य सप्तमेन संयोगे द्वयोरव्यक्तयोर्गस्तित्वयोश्चैकस्यास्तित्वस्य सप्तमस्य प्रथमेन संयोगे द्वयोरस्तित्वयोरेकस्य नास्तित्वस्यावक्तव्यस्य च द्वितीयेन संयोगे द्वयोर्नास्तित्वयोरेकस्यावक्तव्यस्य च तृतीयेन संयोगे द्वयोरस्तित्वयोर्नास्तित्वयोश्चैकस्यावक्तव्यस्य क्रमशः प्रधानभावेन पृष्टेन पुनरुक्तत्वमिति शंका : तीसरे (अस्तिनास्ति) का प्रथम अस्तित्व के साथ संयोग करने पर दो अस्तित्व और एक नास्तित्व की प्रधानता से यह एक भंग होता है // 1 // ___ तृतीय भंग का द्वितीय भंग (नास्तित्व) के साथ संयोग करने पर दो नास्तित्व और एक अस्तित्व क्रम से पृच्छा होने पर यह एक भंग होता है। इस प्रकार उभय अस्ति और उभय नास्ति ये दो भंग भी अपुनरुक्त हैं // 2 // क्योंकि पूर्व में इस प्रकार का प्रश्न नहीं किया गया है। इसी प्रकार चतुर्थ भंग का पाँचवें के साथ संयोग होने पर दो अवक्तव्य और एक अस्तित्व का नया प्रश्न है॥३॥ चतुर्थ भंग का छठे भंग के साथ संयोग करने पर दो अवक्तव्य और एक नास्तित्व भंग भी नवीन होता है।।४।। चतुर्थ भंग का सातवें भंग के साथ संयोग करने पर दो अवक्तव्य और क्रम से एक अस्तित्व एक नास्तित्व की प्रधानता से एक प्रश्न हो सकता है। क्रमशः प्रधानता से प्रश्न होने से यह प्रश्न पुनरुक्त नहीं है॥५॥ तथा पंचम भंग का छठे भंग के साथ संयोग करने पर दो अवक्तव्य, एक अस्तित्व और एक नास्तित्व यह एक नवीन प्रश्न होता है॥६॥ पंचम भंग का सप्तम भंग के साथ संयोग करने पर दो अवक्तव्य, दो अस्तित्व और एक नास्तित्व का सातवाँ नवीन प्रश्न उत्पन्न हो जाता है॥७॥ छठे नास्ति अवक्तव्य का सातवें अस्ति नास्त्यवक्तव्य के साथ संयोग होने पर दो अवक्तव्य, दो नास्तित्व और अस्तित्व एक का आठवाँ भंग उत्पन्न होता है // 8 // .. सप्तम भंग और प्रथम भंग का संयोग होने पर दो अस्तित्व एक नास्तित्व और एक अवक्तव्य नामक नवम प्रश्न उत्पन्न होता है॥९॥ सप्तम भंग का द्वितीय भंग के साथ संयोग होने पर दो अस्तित्व, दो नास्तित्व और एक अवक्तव्य का दसवाँ भंग है // 10 // सप्तम भंग के साथ तीसरे भंग का संयोग करने पर दो अस्तित्व और दो नास्तित्व और एक अवक्तव्य की प्रधानता से क्रम से पूछने पर ग्यारहवाँ प्रश्न उत्पन्न होता है॥११॥ इस प्रकार सात भंगों में