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________________ द्वितीय अध्याय ग्रन्थ एवं ग्रन्थकार 'भारतीय वाङ्मय उस महान् मानव संस्कृति की विजय-गाथा का इतिहास है जो विश्व के व्यापक क्षितिज-वक्षों तक प्रसारित हुई है, जिसने मानव-अखण्डता का अमूल्य दर्शन देकर सम्पूर्ण प्रबुद्ध जगत् को प्रभावित किया है। भारत-भूमि उन मन्त्रदृष्टा कवियों की भूमि है जो अन्त:शक्ति और अन्तर्बोध दारा त्रैकालिक सत्य का साक्षात्कार करते थे। उसी सत्य का साक्षात्कार उन्हें दया, करुणा, प्रेम और परोपकार के चरमोत्कर्ष तक ले जाता था, तभी उनकी साधना व्यक्तिगत होती हुई भी सम्पूर्ण मानवजाति ही नहीं वरन् प्राणीमात्र के लिए हुआ करती थी। व्यष्टि के अन्तर्गत समष्टि की यह रूपाभिव्यक्ति भारतीय संस्कृति की अपनी अलग विशेषता है / क्योंकि 'अनुभव चाहे कितना भी व्यक्तिगत और विशिष्ट क्यों न हो, यथार्थ का भोग चाहे कितना ही निजी और स्वानुभूतिवादी क्यों न हो, वह मानवीय अनुभव और मानवीय यथार्थ का विरोधी नहीं हो सकता। उस अनुभव की प्रामाणिकता भी व्यापक सामाजिक और मानवीय सन्दर्भो में ही हो सकती है। उच्चतम साधक की साधनागत अनुभूति जब करुणा और परोपकार आदि गुणों से प्रभावित होती है तो वह उत्तुंगस्रोत से नि:सृत होती नदी की तरह स्वत: और सहजगत्या काव्यात्मक होकर जनकल्याणार्थ प्रस्तुत हो जाती है। उसमें साधक की किसी भी तरह की अभिसंधि का अनुसंधान अनुसंधाता के आग्रह की परिधि के कारण तो हो सकता है, किन्तु तत्त्वत: नहीं। कारण, कृति मौलिक व ऊर्जस्वित अनुभूति के आवेग का ही परिणाम होती है। ज्ञानार्णव शीर्षक का तात्पर्य - आचार्य शुभचन्द्र ने 'ज्ञानार्णव' ग्रन्थ के प्रारम्भ में मङ्गलाचरण के पश्चात् 'ज्ञानार्णवमिमं वक्ष्ये सतामानन्दमन्दिरम्' वाक्य द्वारा ग्रन्थ आरम्भ करने की प्रतिज्ञा तथा ग्रन्थ के अन्त में ग्रन्थ के महत्त्व को 'ज्ञानार्णवस्य माहात्म्यं चित्ते को वेत्ति तत्त्वत:' श्लोक द्वारा निरूपित किया गया है। आचार्य शुभचन्द्र की इस रचना का नाम मूलत: ज्ञानार्णव है। कारण, ज्ञान उसे 1. आधुनिक हिन्दी समीक्षा की प्रवृत्तियाँ, पृ. 166-7. 2. भक्तिकाव्य और मानवमूल्य, पृ. 25. 3. ज्ञानार्णव, 1/11. 4. वही, 2230. 26
SR No.004283
Book TitleBhartiya Yog Parampara aur Gnanarnav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendra Jain
PublisherDigambar Jain Trishala Mahila Mandal
Publication Year2004
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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