________________ महाराष्ट्री श्लोक संग्रह अभिज्ञानशकुन्तलम् ईसीसि-चुम्बिआई भमरेहिं सुउमार-केसर-सिहाई / ओदंसयन्ति दअमाणा पमदाओ सिरीसकुसुमाइं॥१॥ उग्गलिअदब्भकवला मिआ परिच्चत्तणच्चणा मोरा / ओसरिअ पण्डुपत्ता मुअन्ति अस्स विअ लदाओ // 2 // तुज्झ ण आणे हिअअं, मम उण मअणो दिवा वि रत्तिं वि / णिवि! दावइ वलिअं, तुह हत्थमणोरहाई अङ्गाइं // 3 // अहिणव-महु-लोजुवो तुमं तह परिचुम्बिअ चूअमञ्जरिं / कमलवसइमेत्तणिब्बुदो महुअर विम्हरिओसि णं कहं // 4 // अरिहसि मे चूअंगुर दिण्णो कामस्स गहिदचावस्स / पहिअजणजुअइलक्खो पञ्चन्तरिओ सरो होइं // 5 // S