________________ पउमचरियं 25 51. सरिऊण पुव्वजम्मं, भणइ निवो सुरवरा इमे सव्वे / नन्दीसरवरदीवं, वन्दणहेउम्मि वच्चन्ति // 51 // 52. अहमवि सुरेहि समयं, दीवं नन्दीसरं पयत्तेणं / गन्तूण चेइयाई, करेमि थुइमङ्गलविहाणं // 52 // 53. अह कोचविमाणेणं, गयणेणं पत्थियस्स वेगेणं / मणुसुत्तरस्स उवरिं, गइपडिहाओ य से जाओ // 53 // 54. सो पेच्छिऊण देवे, वोलन्ते माणुसुत्तरं सेलं / .. परिदेविउं पयत्तो, सोगभरापूरियसरीरो // 54 // 55. हा ! कहूँ चिय पावो, जो हं नन्दीसरं न संपत्तो / विहलमणोरहभावो, भग्गुच्छाहो फुडं जाओ // 55 // 56. नन्दीसरवरदीवे, जह पूया चेइयाण विरएउं / भावेण नमोक्कारं, पसन्नमणसो करिस्सामि // 56 // 57. जे चिन्तिया महन्ता, मणोरहा मन्दभागधेएणं / ते मे फलं न पत्ता, उदएण अहम्मकम्मस्स // 57 //