________________ (20) वैद्यवल्लभ। बबूलस्य त्वचा कार्या गुटी श्वासकफापहा // 4 // भाषाटीका॥ लोग, मिरच, हरड, बहेडे, आवरे और सार ये सब बराबर भाग ले बंबूलकी छालके रसमें तथा काढेमें गोली करनी ये गोली श्वास कफको दूर करे // 4 // पुनः॥ लवंगत्रिकटुनागशृगीक्षुद्राविभीतकैः॥ कन्यारसेन गुटिका कासश्वासनिवारिणी // 5 // भाषाटीका // लोंग, सोंठ, मिरच, पीपल, तेलिया मीठो, काकडासिंगी, कटेरी और बहेडे इनको बराबर भाग ले ग्वारपाठेके रसमें गोली बांधे ये गोली श्वास कफको दूर करे है / / 5 // त्रिकटु टंकणं नागं पत्रेण क्रियते गुटी॥ वेल्लप्रमाणा कफजिन्नाम्ना त्रिपुरभैरवी॥६॥ भाषाटीका // सोंठ, मिर्च, पीपल, सुहागो, तेलिया मीठो ये बराबर भाग ले नागरपानके रसमें गोली करनी मिर्चके बराबर तो कफको जीवे याको नाम त्रिपुरभैरवी गुटिका है // 6 // अथ कासश्वासे चूर्णम् // त्रिकटु त्रिफला वेल्लरास्नादारुबलान्वितैः // सक्षौद्रेण कृतं चूर्ण कासश्वासकफापहम्॥ 7 // भाषाटीका। सोंठ, मिर्च, पीपल, हरड, बहेडे, आवरे