________________ एगूणनउइयमी चारित्तविराहणदोसम्मि खुल्लगस्स कहा संजमगयदोसाण, जएइ वजणे सया / अन्नहा दुग्गई होइ, णायव्वो इह खुल्लगो / / 1 / / वसंतपुरम्मि देवपिओ सेट्ठी आसी / जोव्वणम्मि भज्जा मछु पत्ता, तओ सो अट्ठवरिसेण पुत्तेण सह पव्वइओ / स खुल्लगो परिसहं असहमाणो वएइ-ताय ! उवाणहओ विणा हिंडिउं न चएमि / मोहेण पिआ पुत्तस्स उवाणहाओ करावित्था / तओ पुत्तो साहेइ-ताय ! आयवम्मि सीसं तवेइ तेण हिंडिउं न मए तीरइ / तओ पिया आयवनिवारणटुं छत्तिगं अणुजाणित्था / तओ खुल्लगो वयासी-ताय ! भिक्खाडणं काउंन सक्केमि / तओ पिआ भिक्खं समाणेउणं पुत्तस्स देइ /