________________ वैमानिक देवदेवीओंका आयुष्यस्थितिका यन्त्रो ] गाथा 16 [ 75 // ब्रह्म देवलोकमें // // लांतक देवलोकमें // प्र० | उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा० छठवाँ भाग सा० पाँचवाँभाग 7 सागरो० 1. | 10 - 4 | | 10 सागरो० م م م // महाशुक्र देवलोकमें // | उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा.चारहवाँभाग 1. | 14 - 3 | 14 सागरो० // सहस्रार देवलोकमें // | उत्कृष्ट स्थिति | | जघन्य स्थिति सा.चतुर्था शभाग | 1. | 17 - 1 | 17 सागरो 2. | 17 - 2 | | | 17 - 0 // आनत देवलोकमें // उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा.चतुर्था शभाग 1. | 18 - 1 | 18 सागरो. 2. | 18 - 2 | " प्राणत देवलोकमें | प्र. | उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा.चतुर्था शभाग 1. | 19 - 1 | 19 सागरो० 2. | 19 - 2 / 3. | 19 - 3 / | | E // आरण देवलोकमें // उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा.चतुर्था शभाग -1 |20 सागरो० | 20 - 2 20 -3 // अच्युत देवलोकमें // उत्कृष्ट स्थिति | जघन्य स्थिति सा.चतुर्था शभाग 21 - 1 | 21 सागरो० | 21 - 2 21 - 3 | 20 |