________________ 74 ] बृहत्संग्रहणीरत्न हिन्दी [गाथा 16 2. भागका उत्कृष्ट आयुष्य जानें। (15 मेंसे 5 गये 10 भाग रहे, ) ग्यारहवें प्रतरमें 6 सागरोपम और कई भागका आयुष्य जानें। (10 मेंसे 5 भाग आयुष्य कम करनेसे 5 भाग रहे,) बारहवें प्रतरमें 6 सागरोपम और 13 भाग अथवा संपूर्ण 7 सागरोपमकी स्थिति सनत्कुमारके अन्तिम प्रतरमें आई। . इसी तरह अगले देवलोकके लिए ऊपरके अनुसार विश्लेष करके प्रतरके साथ भाग देने पर इच्छित प्रतरमें उत्कृष्ट आयुष्यस्थिति प्राप्त होती है। [16] सनत्कुमार तथा माहेन्द्र कल्पके प्रत्येक प्रतरमें_ उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति प्रतर सनत्कुमारमें - माहेन्द्र में | सनत्कुमारमें - माहेन्द्रमें सागरो० बारहवाँ भाग - 2 सागरो० - वही साधिक - 5 - वही साधिक .. . . &&&wand . . / / / / / / / / / / / / / / / / / / / / / / / 0 . GM 0