________________ नरक गतिविषयक द्वितीय भवनद्वार . * 43 . 43 // पाँचवें धूमप्रभा नरकके प्रत्येक प्रत्तर में वृत्तादिसंख्याका यंत्र॥ +9 | प्रतश्पर | प्रतर पर | प्रतर पर प्रतरपर | प्रतर पर | कुल संख्या 8-9 | 7.6 6-5 / 5- 4 मोल - 9 गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. | गो.त्रि.चौ. | त्रिकोण- 100 3-3-3 2 -3-3 2 -3-2|2.2-2|1-2-2 चौकोन. 88 2-3-3 2-3-2 2-2- 1-2-21-2-1 पंक्तिबद्ध कुल५-६-६४-६५४-५-४३-४-४२-४-३ __ *265 x4 |44 xxxx xx पुष्पावकीर्ण२०-२४-२४१६-२४-२०१६-२०- 112.16-168-16-12 *299735 +1 +9 | 21-240241-24-2017-20-16/16-16-16|9 -16-12 कुल संख्याकुल 6 कुल- 61 कुछ- 53 कुल- 45 कुल- 37 ३कारव // छठे नमःप्रभा नरक तथा सातवें तमस्तमाः प्रभा नामक -- नरक के प्रत्येक प्रतरमे वृत्तादिसंख्याका यंत्र // छठेत्तमःप्रभा | प्रतर | प्रतर | प्रत्तर | कल सातवे समस्तमः नामक नरकम | 1 | 2 | 3 | संख्या पथम पतरपर रा6 -3 - 3.2. 2-1 | गाल-१५। तीन भागों में "गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. गो.त्रि.चौ. | त्रिकोण-२८ पंक्तिबद्ध |1.2- 11-1- 10-1-1 चौकोन-२०/ दिशागत त्रिकोण बॉरने पर 1.1-10-1-10-1-0 विसान-४ इन्द्रक -1 पुनः मिलानेसे |2-3.21-2-20-2-1 (योगफल) | xxxxxx चारकीसंख्यासेज 8-12- 84-8-80-8-4 गुननेसे +1 | +1 +1 99932%3D नरकावासा इन्द्रक मिलानेपर | 8 - 12-85-8-81-8-4| कुल | नहीं है। प्रतिप्रतर संख्या कुल 29 कुल 21 कुळ-१३ 99995 प्रभा जामकनरक पंक्तिबह 8. पावक पुष्यावकीर्ण