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________________ पञ्चम अध्याय : आचार्य देवसेन की कृतियों में विभिन्न मतों की समीक्षा षष्ठ अध्याय : आचार्य देवसेन की कृतियों में अध्यात्मपरक दृष्टि आभार सर्वप्रथम आर्ष परम्परा में वर्तमान अवसर्पिणी काल के युगप्रवर्तक श्री आदिनाथ भगवान् से लेकर वर्तमान शासन नायक अन्तिम तीर्थकर भगवान् महावीर, श्री गौतम स्वामी आदि गणधर तथा परम्परा को निरन्तर प्रवाहमान रखने में श्रुत केवली भद्रबाहु स्वामी, आचार्य पुष्पदन्त-भूतबलि, सर्वमंगल स्वरूप आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी आदि आचार्यों को नमन करता हूँ जिनके कारण हम आज उनके वंशज और उनकी परम्परा में होने का गर्व महसूस कर रहे हैं। परम श्रद्धेय सन्त शिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागर महाराज और उनके परम शिष्य मुनि पुंगव श्री सुधासागर महाराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूँ जिनके आशीर्वाद और प्रेरणा से यह शोधकार्य करने में सक्षम हो सका हूँ। मेरे शोधकार्य के प्रेरणाप्रदाता, सरल, सहज, उदारमना व्यक्तित्व के धनी, जैनदर्शन एवं प्राकृत भाषा के तलस्पर्शी ज्ञाता श्रद्धेय डॉ. जिनेन्द्र कुमार जैन, अध्यक्ष एवं सह-आचार्य, जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, . (राजस्थान), जिन्होंने मुझे शोधकार्य करने का आत्म-विश्वास, उत्साह प्रदान किया, मैं आपके प्रति हृदय से अत्यन्त आभार प्रकट करता हूँ। शोधकार्य की पृष्ठभूमि, क्रियान्विति एवं परिणति इन सबमें आपकी प्रेरणा, मार्गदर्शन एवं सम्बल प्राप्त है। शोधकार्य में जो योग्य कार्य बन सका आपका है एवं शिथिलता में हमारा अज्ञान तथा प्रमाद कारण है। इसी प्रकार की सत्प्रेरणा एवं मार्गदर्शन सदैव मिलता रहे, ऐसी कामना रहता हूँ। आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास सांगानेर के अधिष्ठाता पद को सुशोभित करने वाले आदरणीय पं. श्री रतनलाल जी बैनाड़ा, छात्रावास के निदेशक एवं दिगम्बर जैन कॉलेज जयपुर के प्राचार्य डॉ. शीतलचन्द जैन, प्रो. कमलेश कुमार जैन, डॉ. अशोक कुमार जैन वाराणसी, प्रो. जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर, संस्कृत एवं प्राकृत विभाग के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले प्रो. जगतराम भट्टाचार्य की निरन्तर शोधकार्य करते रहने Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004264
Book TitleDevsen Acharya ki Krutiyo ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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