________________ 229. भगवती सूत्र, शतक-25, उद्देशक-3 230. ठाणांग, उद्देशक-7, सूत्र 26 231. अनुयोग मलधारीय वृत्ति, पृ. 67 232. पंचास्तिकाय तात्पर्यवृत्ति, पृ. 55 233. धर्मसंग्रहणी टीका, भाग-प्रथम, पृ. 40 234. प्रज्ञापना टीका, स्थानक, हिन्दी अनुवाद जीवप्रज्ञापना सूत्र, पृ. 35 235. न्यायालोक, तृतीय प्रकाश, पृ. 331 236. वही, पृ. 331 237. तत्त्वार्थ सूत्र, 2/8 238. नवतत्त्व, गाथा-5 239. ध्यानशतकवृत्ति, हारिभद्रीय, पृ. 45 240. पंचास्तिकाय, पृ. 49 241. उत्तराध्ययन सूत्र, गाथा 28/10 242. ध्यानशतक, गाथा 55 243. द्रव्य गुण पर्याय रस, ढाल 10, गाथा 10, पृ. 480 244. षड्दर्शन समुच्चय टीका, पृ. 337 245. प्रज्ञापना टीका, प्रथम पद, पृ. 30 246. आचारांग टीका, पृ. 58 247. उत्तराध्ययन बृहद्वृत्ति, पृ. 561 248. पंचास्तिकाय, गाथा-27 249. अनुयोग हारिभद्रीय वृत्ति, पृ. 60 250. नवतत्त्व, गाथा-5 251. श्री भगवतीजी, सूत्र श. 13, उद्देशक-4 252. वही, शतक-2, उद्देशक-10 253. श्री स्थानांग सूत्र, अ. 5/21 254. तत्त्वार्थटीका, पृ. 225 255. तत्त्वार्थ सूत्र, 5/39 256. आचारांग सूत्र, अध्याय-2, उद्देशक-3, सूत्र-62; अंगसुत्ताणि, भाग-1, अध्याय-3, उ. 3, सूत्र 55 257. लोकप्रकाश, सर्ग-28, शा. 3, 4 258. षड्दर्शन समुच्चय टीका, पृ. 251 259. धर्मसंग्रहणी, प्रथम भाग, गाथा-32 189 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org