________________ 92. आदिजिन स्तवन, उपाध्याय यशोविजय, पद-2 93. अजितनाथ स्तवन, उपाध्याय यशोविजय 94. यशोविजय स्मृति ग्रंथ, मुनि यशोविजय, पृ. 116 95. विमलनाथ स्तवन, उपाध्याय यशोविजय, यशोस्मृतिग्रंथ, पृ. 116 96. सुविधिनाथ स्तवन, उपाध्याय यशोविजय यशोस्मृतिग्रंथ, पृ. 116 97. भगवद् गीता, यशोस्मृति ग्रंथ पृ. 116 98. यशोविजय स्मृतिग्रंथ, मुनि यशोविजय, पृ. 117 99. नेमनाथ स्तवन, उपाध्याय यशोविजय, पृ. 43 100. वही . 101. मल्लधारी हेमचन्द्रसूरिजी, पुष्पमाला ग्रंथ का अधिकार 102. जयवीयरायसूत्र प्रार्थनासूत्र गणधर रचित 103. ज्ञानसार, उपाध्याय यशोविजय, अष्टम-32, श्लोक-5 104. अमृतवेल की सज्झाय, उपाध्याय यशोविजय 105. जैन तर्क परिभाषा, उपाध्याय यशोविजय, पृ. 11 106. जैन तर्क परिभाषा, उपाध्याय यशोविजय, पृ. 12 107. जैन दर्शन, महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य, पृ. 548 108. गुरुतत्व विनिश्चय (भाग-1), उपाध्याय यशोविजय, गाथा-20, पृ. 15 109. णिच्छय बहुमाणेण, ववहारो णिच्छओवमो कोई। ण य णिच्छओ विजुत्तो, ववहारविराहगो कोई।। गुरुतत्व विनिश्चय, भाग-1, उल्लास-1, गाथा-40, पृ. 33 110. आवश्यक सूत्र में से उद्धृत गुरुतत्व विनिश्चय में वही 111. अध्यात्ममत परीक्षा, उपाध्याय यशोविजय केवलिमुक्ति विचार, श्लोक-112, पृ. 317 112. वही, श्लोक-113, पृ. 318 113. अध्यात्ममत परीक्षा, उपाध्याय यशोविजय, श्लोक-114, पृ. 318 114. यशोविजय स्मृतिग्रंथ, मुनि यशोविजय, पृ. 191 115. यशोदोहन मुनि यशोविजय, खण्ड-2, उपखण्ड-3, पृ. 159 116. वही 117. यशोविजय नाम्ना तत्वरणाम्भ्योज सेविना। द्वात्रिंशिकान विवृतिश्चक्र तत्वार्थ दीपिका-द्वात्रिंशद्-द्वात्रिंशिका की प्रशस्ति के नीचे का श्लोक 118. यत्र सर्वनयालम्बि विचार प्रवलाग्निम तात्पर्यश्यामिका न स्यात्, तच्छास्त्रं तापशुद्धिमत् अध्यात्मोपनिषद्। -उपाध्याय यशोविजय 119. नय रहस्य, उपाध्याय यशोविजय, पृ. 4 71 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org