________________ aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaAMERA/AAVAILAB शब्दार्थ-ए बार अधिकारमा १-३-४-५-६-७-८-९-१२-ए नव अधिकार ललित विस्तरा नामनी भाष्यनी वृत्ति आदिना अनुसार जाणवा अने 2-10-11, ए त्रग श्रुतनी परंपरायी जाणवा. // 46 // __ विस्तारार्थः-ए वार अधिकारमाथी पहेलो, त्रीजो, चोथो, पांचमो, बहो, सातमो, श्राठमो, नवमो, अने बारमो, ए नव अधिकार ते ललितविस्तरा नामें नाष्यनी वृत्ति आदिकना अनुसार थकी जाणवा. अने बीजो अधिकार, जेथ अश्या सिद्धा तथा दशमो अधिकार उकिंतसेल ए गाथोक्त तथा अगीयारमो अधिकार चत्तारि अठ्ठ दस ए गाथोक्त एटले जेथ अईया, उद्यंत अने चत्तारि, ए त्रण अधिकार, ते श्रुतनी परंपराथो एटले जेम सिद्धांतनुं व्याख्यान दे, तेम तथा गीतार्थ संप्रदायथी जाणवा // 46 // चुण्णिए-चूर्णिने विषे / सेसया-शेष उज्झताइवि-उजितादिक पण सुयमया-श्रुतमय जाणवा जं-जेम जहिच्छाए-यथेच्छाए अहिगारा-अधिकारो चेव-निश्चे भणियं-कडं छे . | तेणं-ते कारण माटे navimumative/ OJaa/Am/teace/sG/tamuna Jan Education international For Personal & Private Use Only www.janelibrary.org