________________ M विषे MDAaogaoककककक/g/Basa नामयाइसु-नामस्तवादिकने पयसम-पद समान समान | बीस-वीस दोसह-बसेंने साठ अडवीस-अव्यावीस कमा-अनुक्रमें दुसय सोल-बसेंने सोल . | संपय-संपदा सील-सोल | अदुरुत्त बीजीवार अणउच्चर्या | अनउअसयं-एकसोन अठाणु नामथयाइसु संपय, पयसम अडवीस सोल वीस कमा॥ अदुरुत्त वण्ण दोसठ्ठ, दुसय सोलह नउअ सयं // 39 // शब्दार्थ-नामस्तवादिकने विषे पद समान अठ्ठावीस, सोल अने वीस अनुक्रमे संपदा जाणवी. तेमन बीजीवार नहि Sil उचरेला अक्षरो बसो साठ, बसो सोल अने एकसो अठाणुं अनुक्रमे जाणवा. // 39 // ... विस्तारार्थः-नामस्तवादिकने विषे एटले नामस्तव लोगरस तथा श्रादिशब्दथकी पुरकर|| वरदी ते श्रुतस्तव जाणवू अने सिद्धस्तव ते सिद्धाणं बुद्धाणं जाणवू. ए त्रण सूत्रने विषे पद स|| मान संपदा जाणवी. एटसे जेटखां ए सूत्रोनां पद , तेटलां विशामानां स्थानक जाणवां. तिहां || लोगस्सनां पद पण अष्ठावीश अने संपदा पण अहावीश जाणवी. अने पुरस्करवरदीनां पद पण सोल - anwaeeMD/Om/oD9Apsamana For Personal & Private Use Only www.ainelibrary.org